क्या पंजाब के बॉर्डर इलाके में बीएसएफ का बड़ा एक्शन हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- बीएसएफ की सुरक्षा कार्यवाही की प्रशंसा की जानी चाहिए।
- संदिग्ध तस्करों की गिरफ्तारी से सुरक्षा बढ़ी है।
- ड्रोन बरामदगी से सीमा पार तस्करी की चुनौती को समझा जा सकता है।
- इंटेलिजेंस की सक्रियता से कार्रवाई में सफलता मिली।
- हेरोइन की बरामदगी ने तस्करी के प्रयासों को विफल किया।
चंडीगढ़, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब की सीमा पर विभिन्न घटनाओं में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने सतर्कता का परिचय देते हुए दो संदिग्ध तस्करों को पकड़ा और दो ड्रोन बरामद किए।
बीएसएफ के जवानों ने फाजिल्का के गांव टाहलीवाला के समीप सर्च ऑपरेशन चलाया, जहां दो संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से पाकिस्तानी तस्करों के संपर्क वाले दो मोबाइल फोन मिले। दोनों व्यक्ति चक बजीदा के निवासी थे। बीएसएफ ने इन्हें पंजाब पुलिस के हवाले कर दिया है। उनसे पूछताछ के जरिए और जानकारी प्राप्त करने की उम्मीद है।
वहीं, बीएसएफ की इंटेलिजेंस विंग से मिली जानकारी के आधार पर बीएसएफ और पंजाब पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में तरनतारन के गांव पल्लोपाटी के नजदीक खेत से एक डीजेआई मैविक 3 क्लासिक ड्रोन बरामद हुआ। एक अन्य खुफिया सूचना के चलते बीएसएफ ने पंजाब पुलिस के साथ मिलकर तरनतारन के गांव मरीखंबोके के पास एक और डीजेआई एयर 3एस ड्रोन को भी बरामद किया।
गौरतलब है कि एक दिन पहले भी पंजाब के बॉर्डर क्षेत्र में बीएसएफ ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की थी। बीएसएफ ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में एक ड्रोन और हेरोइन की बड़ी खेप को बरामद किया। इन कार्रवाइयों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सीमा की सुरक्षा को लेकर बीएसएफ की निगरानी कितनी मजबूत है।
पहला मामला तरनतारन जिले के बॉर्डर गांव खेमकरन के पास का है। यहां बीएसएफ ने इंटेलिजेंस के आधार पर एक सुनियोजित ऑपरेशन चलाया। खेतों में छिपा हुआ डीजेआई माविक 3 क्लासिक ड्रोन जवानों ने खोज निकाला। दूसरी बरामदगी अमृतसर जिले के मोडे गांव में हुई, जहां बीएसएफ की इंटेलिजेंस को पहले से ही पुख्ता जानकारी थी कि इलाके में कोई संदिग्ध गतिविधि होने वाली है।
जानकारी मिलते ही जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया और काफी तलाश के बाद एक पैकेट बरामद किया, जिसमें करीब 1.120 किलोग्राम हेरोइन थी। तस्कर लगातार ऐसे रास्तों से इसकी तस्करी करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन त्वरित कार्रवाई और लगातार पेट्रोलिंग के चलते यह खेप भी जवानों के हाथ लग गई।