क्या पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।
- यह एफआईआर पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह पर जातिसूचक टिप्पणी के बाद हुई।
- सरबजोत सिंह सिद्धू ने कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
- पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले में नोटिस भेजा है।
- भाजपा के नेताओं ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है।
चंडीगढ़, ५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की समस्या बढ़ गई है। पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह पर किए गए जातिसूचक बयान के कारण पंजाब पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पूर्व गृहमंत्री बूटा सिंह के बेटे सरबजोत सिंह सिद्धू ने अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी और कानूनी कार्रवाई की माँग की थी। इस पर कार्रवाई करते हुए कपूरथला जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने राजा वड़िंग के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
तरन तारन विधानसभा क्षेत्र में राजा वड़िंग ने एक कार्यक्रम के दौरान बूटा सिंह पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।
सरबजोत सिंह सिद्धू ने अपनी शिकायत में कहा, "यह बयान न केवल गलत और नस्लीय रूप से आरोपित है, बल्कि यह अनुसूचित जाति समुदाय के एक सम्मानित नेता और भारत के पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह की गरिमा और विरासत का सीधा अपमान भी करता है। 'काला सिख' शब्द का प्रयोग जानबूझकर अपमानजनक संदर्भ में किया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने ऐसे आपत्तिजनक और अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करके प्रत्येक काले मजहबी सिख को बदनाम किया है। ऐसे अपराध के लिए उन पर मुकदमा चलाकर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, क्योंकि ऐसे शब्दों का प्रयोग मानहानि के दायरे में आता है।"
इस मामले पर पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने भी कार्रवाई की है। आयोग ने अमरिंदर सिंह को नोटिस भेजा है और आपत्तिजनक टिप्पणी पर जवाब मांगा है।
भाजपा राष्ट्रीय महासचिव और अनुसूचित जाति मोर्चा प्रभारी तरुण चुघ ने भी अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के खिलाफ एससी आयोग में शिकायत दी थी। उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की ओर से दिवंगत बूटा सिंह और अनुसूचित जाति समाज के प्रति की गई जातिवादी टिप्पणी बेहद निंदनीय है। ऐसे शब्द केवल एक समुदाय ही नहीं, बल्कि भारत की सामाजिक समानता की भावना पर हमला है। इस गंभीर मामले में मैंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष किशोर मकवाना को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है।"