क्या पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव में झड़पों के बीच 48 प्रतिशत मतदान हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- 48 प्रतिशत मतदान हुआ।
- फर्जी वोटिंग और झड़पों के आरोप लगे।
- मुख्यमंत्री ने चुनाव को लोकतंत्र की नींव बताया।
- दुबारा मतदान 16 दिसंबर को होगा।
- राज्य में चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवाल।
चंडीगढ़, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फर्जी वोटिंग, झड़प और बूथ कैप्चरिंग के आरोपों के बीच, पंजाब में रविवार को जिला परिषदों और पंचायत समितियों के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए हुए चुनाव में 48 प्रतिशत वोटिंग हुई। कुछ स्थानों पर पार्टी समर्थकों के बीच झड़पें भी देखने को आईं।
दुबारा मतदान 16 दिसंबर को होगा और वोटों की गिनती 17 दिसंबर को की जाएगी।
कुल 1.36 करोड़ मतदाता 347 जिला परिषदों और 153 पंचायत समितियों के 2,838 जोन के प्रतिनिधियों को चुनने के लिए मतदान करने के योग्य थे।
आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल (एसएडी), भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और एसएडी (अमृतसर) जैसी सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियाँ ग्रामीण स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी सिंबल के साथ शामिल थीं।
चुनाव आयोग ने बताया कि 22 जिला परिषदों के 347 जोन और 153 पंचायत समितियों के 2,838 जोन के लिए चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए।
मतदान के दौरान राज्य भर में कहीं से भी जानमाल के नुकसान या बड़ी हिंसा की कोई खबर नहीं मिली।
चुनाव आयोग ने पंजाब के कुछ मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है। री-पोल अमृतसर जिले के समिति अटारी और वरपाल कलां, बरनाला जिले के समिति चननवाल और रायसर पटियाला, मुक्तसर साहिब जिले के बबानिया और कोट भाई, गुरदासपुर जिले के चनहिया और जालंधर जिले के समिति भोगपुर में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर जिले में अपने पैतृक गांव में वोट डाला और आशा व्यक्त की कि मतदाता राज्य के विकास को और गति देंगे।
मतदान के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि ये चुनाव पूरे पंजाब के ग्रामीण इलाकों के समग्र विकास के लिए फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र की नींव की तरह काम करते हैं क्योंकि लोग जमीनी स्तर पर काम कर पाते हैं।
सीएम मान ने कहा कि ये चुनाव उन युवा नेताओं के लिए लॉन्चपैड का काम करते हैं जो लोगों की सेवा करना चाहते हैं।
पंजाब में विपक्षी पार्टियों द्वारा सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल के आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रशासन की सराहना की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि विपक्षी पार्टियों के 2,400 से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे, जिससे स्पष्ट है कि सरकारी मशीनरी का कोई दुरुपयोग नहीं हुआ।