क्या पंजाब में किसानों ने लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली निकाली?

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क्या पंजाब में किसानों ने लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ मोटरसाइकिल रैली निकाली?

सारांश

पंजाब के किसानों ने लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ एकता का परिचय देते हुए मोटरसाइकिल रैली निकाली। यह रैली अमृतसर से शुरू होकर विभिन्न गांवों से गुजरी। किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आंदोलन तेज करेंगे।

Key Takeaways

  • किसानों ने लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ एकजुटता दिखाई।
  • रैली का उद्देश्य सरकार को चेतावनी देना था।
  • महापंचायतों का आयोजन किसानों की मांगों को मजबूती देने के लिए किया जाएगा।
  • सरकार की नीतियों पर किसानों की चिंता स्पष्ट है।
  • किसान संगठन एकजुट होकर इस नीति का विरोध कर रहे हैं।

अमृतसर, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ किसान मज़दूर संघर्ष समिति ने 15 जिलों में मोटरसाइकिल रैली निकाली। यह रैली अमृतसर के जंडियाला गुरु से शुरू हुई और गोल्डन गेट, श्याम सिंह अटारी, इंडिया गेट, रामतीर्थ रोड होते हुए कई गांवों से गुजरी। रैली का उद्देश्य सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ किसानों की एकजुटता दिखाना और इसे रद्द करने की मांग करना है।

किसान नेता गुरबचन सिंह चब्बा ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "पंजाब सरकार की गलत नीतियों के कारण किसान सड़कों पर उतर आए हैं। यह लैंड पूलिंग नीति किसानों की जमीनें हड़पने की साजिश है। हम इस रैली के जरिए सरकार को चेतावनी दे रहे हैं कि हम अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।"

उन्होंने बताया कि यह नीति कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देती है, जिससे किसानों और मजदूरों का नुकसान होगा। यह नीति पंजाब की उपजाऊ जमीनों को शहरीकरण के नाम पर छीनने की कोशिश है, जो खेती और अनाज उत्पादन को प्रभावित करेगी।

रैली सुबह 7 बजे जंडियाला गुरु मंडी से शुरू हुई और न्वा कोट, निज्जरपुरा, राजेवाल, मन्नवाला, राजासांसी सहित कई गांवों से होकर गुजरी। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "हमारी मांग है कि सरकार इस नीति को तुरंत वापस ले। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम आंदोलन को और तेज करेंगे।"

उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को जालंधर के कुक्कड़ गांव में दाना मंडी में एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें हजारों किसान शामिल होंगे। इसके अलावा, 16 अगस्त को हरियाणा के दना मढ़ी और 25 अगस्त को दिल्ली में भी महापंचायतें होंगी।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो सरकारी प्रतिनिधियों को गांवों में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और कहा, "सभी किसान संगठन एकजुट हैं और अलग-अलग तरीकों से इस नीति का विरोध कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य सरकार और कॉरपोरेट साठगांठ को नाकाम करना है।"

वहीं, पंजाब सरकार का दावा है कि लैंड पूलिंग नीति के तहत जमीन स्वेच्छा से ली जाएगी, लेकिन किसानों का आरोप है कि उनकी सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस रैली के माध्यम से किसानों ने अपनी एकता का प्रदर्शन किया और सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि वे अपनी जमीन की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।

Point of View

NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

किसान रैली का मुख्य उद्देश्य क्या था?
किसान रैली का मुख्य उद्देश्य सरकार की लैंड पूलिंग नीति के खिलाफ एकजुटता दिखाना और इसे रद्द करने की मांग करना था।
किसान नेताओं की क्या मांग है?
किसान नेताओं की मांग है कि सरकार लैंड पूलिंग नीति को तुरंत वापस ले।
इस रैली में कितने जिलों के किसान शामिल हुए?
इस रैली में पंजाब के 15 जिलों के किसान शामिल हुए।
किसान महापंचायत कब और कहां आयोजित की जाएगी?
20 अगस्त को जालंधर के कुक्कड़ गांव में एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी।
पंजाब सरकार का इस नीति पर क्या कहना है?
पंजाब सरकार का कहना है कि लैंड पूलिंग नीति के तहत जमीन स्वेच्छा से ली जाएगी।