क्या पंजाब में हथियारों की तस्करी को रोका जा सकेगा?
सारांश
Key Takeaways
- हथियारों की तस्करी में वृद्धि
- बीएसएफ की नई रणनीतियाँ
- ड्रोन से खतरे का सामना
- स्थानीय पुलिस का सहयोग
- आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियाँ
मोहाली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत-पाक सीमा पर देश की सुरक्षा के लिए तैनात सीमा सुरक्षा बल का 61वां स्थापना दिवस पंजाब के मोहाली में मनाया गया। इस मौके पर बीएसएफ वेस्टर्न कमांड चंडीगढ़ के एडीजी जनरल सतीश एस खंडारे ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हम अपने डायमंड जुबली रेजिंग डे का जश्न मना रहे हैं।
सतीश एस खंडारे ने कहा, "हमारे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, बॉर्डर के पास सक्रिय ड्रोन हमारी नजदीकी रेंज में हैं। हम बॉर्डर पर निगरानी रख रहे हैं और पंजाब पुलिस से सहयोग ले रहे हैं। ड्रोन से होने वाले खतरों को कम करने के लिए हम मिलकर काम कर रहे हैं। इस वर्ष, पंजाब में हथियारों की तस्करी में वृद्धि हुई है, विशेष रूप से पिस्टल की तस्करी अधिक देखी जा रही है।"
उन्होंने बताया कि इस वर्ष, 270 ड्रोन, 380 किलोग्राम हेरोइन और अन्य प्रतिबंधित सामग्रियों को जब्त किया गया है। स्थानीय पुलिस की सहायता से, बीएसएफ ने कई टेरेर मॉड्यूल को समाप्त किया है, जिससे बॉर्डर पार से स्मगलिंग करना कठिन हो गया है। हम लगातार तस्करी करने वाले गिरोहों को पकड़ रहे हैं।
सतीश एस खंडारे ने कहा कि हम जम्मू और कश्मीर में एक एडवांस्ड एंटी-टनलिंग सिस्टम लागू करने जा रहे हैं। अगर कोई सुरंग खोदने की कोशिश करता है, तो यह सिस्टम हमें सतर्क करेगा और हमारी निगरानी को मजबूत करेगा।
उन्होंने आगे कहा कि बीएसएफ की प्राथमिक जिम्मेदारी बॉर्डर की सुरक्षा करना है और हम पहले से ही बॉर्डर पर तैनात हैं। लेकिन, बढ़ते ड्रोन के खतरों के कारण, हमने पंजाब में अपनी रणनीति को परिवर्तित कर दिया है। जिन क्षेत्रों में ड्रग ड्रॉप्स की संभावना अधिक होती है, वहां हम पंजाब पुलिस के सहयोग से कड़ी कार्रवाई करते हैं।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6,386 किलोमीटर से अधिक अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर की सुरक्षा में व्यस्त है। इसके अतिरिक्त, हमें चुनाव, कानून-व्यवस्था बनाए रखने और सांप्रदायिक झगड़ों को रोकने जैसी विभिन्न आंतरिक सुरक्षा जिम्मेदारियों के लिए भी बुलाया जाता है।