क्या पंजाब में पराली जलाने से एयर क्वालिटी में गिरावट आई है?

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क्या पंजाब में पराली जलाने से एयर क्वालिटी में गिरावट आई है?

सारांश

पंजाब में पराली जलाने के बढ़ते मामलों के बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पराली जलाने वालों पर कार्रवाई और स्टबल बर्निंग को रोकने के लिए तैनात की गई टीमों की जानकारी दी गई है। जानें इस गंभीर समस्या के बारे में।

Key Takeaways

  • पंजाब में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं।
  • हवा की गुणवत्ता में गंभीर गिरावट आई है।
  • 179 मामलों में जुर्माना लगाया गया है।
  • किसानों से अपील की जा रही है कि वे पराली न जलाएं।
  • इस समस्या का समाधान आवश्यक है।

पटियाला, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में पराली जलाने के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई और स्टबल बर्निंग को रोकने के लिए विशेष टीमों की तैनाती की जानकारी दी गई है।

पराली जलाने के कारण हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है, जिसका प्रभाव आसपास के राज्यों में भी महसूस किया जा रहा है। खासकर दिल्ली में दिवाली के बाद हवा सांस लेने लायक नहीं बची है।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोडल अधिकारी राजीव गुप्ता ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि स्टबल बर्निंग के मामलों को रोकने के लिए पंजाब में विभिन्न स्थानों पर टीमों की तैनाती की गई है।

पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अब तक पंजाब में 179 फिजिकल बर्निंग साइट्स का पता लगाया गया है, जहां सबसे अधिक पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इनमें से कुछ मामलों में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। इन 179 मामलों में कुल 8 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से आधे से अधिक राशि वसूल कर ली गई है।

रिपोर्ट में उन स्थानों का भी खुलासा किया गया है जहां सबसे अधिक स्टबल बर्निंग के मामले दर्ज किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार अमृतसर से 51, तरन तारन से 56, और पटियाला जिले से 10 मामले सामने आए हैं।

पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एयर क्वालिटी लैबोरेटरी के पर्यावरण अधिकारी अतुल कौशल का कहना है कि पंजाब में वायु गुणवत्ता की जांच की जा रही है और अब यह मॉडरेट से पुअर श्रेणी में चली गई है। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और भी गिर गई है।

पहले पंजाब के कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता 'मॉडरेट' स्तर पर थी, लेकिन 20 अक्टूबर के बाद अधिकांश शहरों और जिलों में वायु गुणवत्ता 'पुअर' श्रेणी में आ गई है।

हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पंजाब प्रदूषण नियंत्रण, सरकारी एजेंसी और पर्यावरण विभाग मिलकर काम कर रहे हैं और किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रहे हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि केवल दिवाली के लिए पंजाब में विभिन्न स्थानों पर पराली जलाने के 45 मामले सामने आए हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पंजाब में पराली जलाने की समस्या केवल स्थानीय नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय चिंता है। इसके प्रभाव से वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है, जो पूरे देश को प्रभावित कर सकती है। हमें एकजुट होकर इस समस्या का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

पंजाब में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता पर क्या असर पड़ा है?
पंजाब में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता 'मॉडरेट' से 'पुअर' श्रेणी में जा चुकी है, जिससे आसपास के राज्यों में भी समस्या बढ़ी है।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्या कदम उठाए हैं?
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है और विभिन्न स्थानों पर टीमें तैनात की हैं।
कितने मामलों में जुर्माना लगाया गया है?
अब तक 179 मामलों में कुल 8 लाख 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।