क्या पंजाब पुलिस और बीएसएफ ने भारत-पाक सीमा से तीन हथियार बरामद किए?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब पुलिस और बीएसएफ की संयुक्त कार्रवाई से तीन हथियार बरामद हुए हैं।
- ये हथियार पाकिस्तान से लाए गए थे।
- तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
- पंजाब पुलिस संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
- जांच जारी है और तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
अमृतसर, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस ने एक गोपनीय सूचना के आधार पर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट से हथियारों का एक जखीरा बरामद किया है। स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी), अमृतसर ने बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के साथ मिलकर एक ऑपरेशन चलाकर तारणतारण जिले के खेमकरण क्षेत्र से ये हथियार हासिल किए हैं।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "एक गोपनीय जानकारी पर आधारित अभियान में, राज्य विशेष अभियान प्रकोष्ठ (एसएसओसी), अमृतसर ने बीएसएफ के साथ एक संयुक्त ऑपरेशन में, तरनतारन के खेमकरण क्षेत्र में भारत-पाक सीमा के समीप से 3 हथियार (2 एके-47 राइफलें, एके-47 की 2 मैगज़ीन, एक पीएक्स5 स्टॉर्म पिस्तौल, मैगज़ीन सहित और 10 जिंदा कारतूस) बरामद किए।"
डीजीपी ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये हथियार पाकिस्तान से लाए गए थे। एसएसओसी अमृतसर में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। तस्करों की पहचान करने, आगे और पीछे के संबंधों का पता लगाने और पूरे तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जांच जारी है।
डीजीपी ने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि पंजाब पुलिस संगठित अपराध को खत्म करने और राज्य भर में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है।
इससे पहले, ११ अक्टूबर को काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट ने पाकिस्तान से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। इस कार्रवाई में अमृतसर से तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान महेश उर्फ अशु मसीह, अंग्रेज सिंह और अर्शदीप सिंह के रूप में हुई है। तीनों आरोपी तरनतारन जिले के निवासी थे। इनके कब्जे से कुल आठ पिस्तौल बरामद की गई थीं, जिनमें तीन 9एमएम पिस्तौल और पांच .30 बोर पिस्तौल शामिल थीं। साथ ही, संबंधित मैगज़ीन भी जब्त की गई थी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी पाकिस्तान स्थित एक हथियार तस्कर के लगातार संपर्क में थे। वे तरनतारन के बॉर्डर इलाके, विशेष रूप से गांव मारी कम्बो में हथियारों की खेप मंगवाते और आगे सप्लाई करते थे।