क्या पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया? 60 किलो हेरोइन बरामद

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब पुलिस ने 60 किलो हेरोइन बरामद की।
- बीएसएफ और राजस्थान पुलिस का सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
- अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया गया।
- नशे के खिलाफ पंजाब पुलिस की प्रतिबद्धता।
- गिरफ्तारी से कई राज्यों में तस्करों का नेटवर्क टूटा।
अमृतसर, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राजस्थान पुलिस के सहयोग से एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल का पर्दाफाश किया है।
इस कार्रवाई में राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट से 60.302 किलोग्राम हेरोइन की एक बड़ी खेप बरामद की गई। इस कार्टेल का संचालन पाकिस्तानी तस्कर तनवीर शाह और कनाडाजोबन कलेर कर रहा था।
पंजाब पुलिस ने इस विशेष ऑपरेशन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर से नौ प्रमुख तस्करों और हवाला ऑपरेटरों को गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों ने इस ड्रग तस्करी के विशाल नेटवर्क को तोड़ दिया, जो न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय था। बरामद हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये आंकी गई है।
पंजाब पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस सफल कार्रवाई की जानकारी साझा की। पुलिस ने बताया कि यह ऑपरेशन नार्को-आतंक के खिलाफ उनकी निरंतर लड़ाई का हिस्सा है।
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने इस बारे में पूरी जानकारी दी। उनके वीडियो को पंजाब पुलिस के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी जारी किया गया। इस वीडियो में उन्होंने कहा, “पंजाब पुलिस ने नशे के विरुद्ध एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने एक ऑपरेशन के तहत 60 किलो हेरोइन बरामद की है। इस ऑपरेशन से हमने एक बहुत बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसके बाद से कई राज्यों से हमने लोगों को गिरफ्तार किया है। हम नशा तस्करी और नार्को-आतंक के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता में अडिग हैं। हमारा लक्ष्य पंजाब को नशामुक्त बनाना और युवाओं को इस जाल से सुरक्षित रखना है।”
पुलिस के अनुसार, यह ऑपरेशन कई महीनों की गहन निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया। पुलिस ने ड्रग कार्टेल के नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए आधुनिक तकनीकों और अंतःराज्यीय समन्वय का सहारा लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ जारी है, ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों का पता लगाया जा सके।