क्या पंजाब पुलिस ने गैंगस्टर लांडा हरिके ग्रुप के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है।
- गिरफ्तार गैंगस्टरों के पास तीन अवैध हथियार मिले हैं।
- ये गैंगस्टर भिखीविंड में आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे।
- पुलिस ने अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई हैं।
- अधिक खुलासे की उम्मीद है।
तरनतारन, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस ने संगठित अपराध के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए विदेशी गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके और गुरदेव जैसल समूह के 5 सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से तीन अवैध हथियार भी बरामद किए हैं।
तरनतारन पुलिस को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि भिखीविंड क्षेत्र में कुछ लोग आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। सूचना मिलने पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को पकड़ लिया।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी रंगदारी न देने वाले लोगों को धमकाने के लिए अवैध हथियारों का उपयोग करते थे। हाल ही में इन्होंने गांव मुंडा और फतेहाबाद में रंगदारी नहीं मिलने पर फायरिंग की थी।
जांच में यह भी सामने आया कि विदेशी गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लांडा हरिके और गुरदेव जैसल ने अपने करीबी सहयोगियों गुरविंदर सिंह उर्फ पल्ली, जशनप्रीत सिंह उर्फ तोरी, अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत, जसविंदर सिंह उर्फ आसू और एक नाबालिग के साथ मिलकर एक गिरोह का गठन किया था। ये सभी गैंगस्टर लखबीर सिंह के आदेशों का पालन करते थे।
पुलिस ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया और रिमांड पर लिया है। तरनतारन पुलिस के मुताबिक, रिमांड के दौरान और खुलासे होने की संभावना है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ जारी है और कई मामलों के खुलासे की संभावना है। इसके साथ ही, इन गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। गिरफ्तार आरोपियों की लंबे समय से तलाश चल रही थी और उनसे यह भी पूछा जा रहा है कि उनके पास अवैध हथियार कैसे आए।
इस क्रम में, पंजाब की अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से एक बड़ी सफलता प्राप्त की है। खुफिया जानकारी के आधार पर, पुलिस ने दो आतंकवादी गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक खतरनाक रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) बरामद हुआ है।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी महकदीप सिंह महक और आदित्य पाकिस्तान स्थित आईएसआई एजेंट के सीधे संपर्क में थे, जिसने यह हथियार भारत भेजा था।