क्या भारत-पाकिस्तान सीमा पर 2,367 सीसीटीवी कैमरों के साथ सुरक्षा की दूसरी पंक्ति बनेगी?
सारांश
Key Takeaways
- पंजाब पुलिस 2,367 सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर रही है।
- सुरक्षा के लिए 49.58 करोड़ रुपए का खर्च होगा।
- एंटी-ड्रोन सिस्टम को बढ़ाकर 9 किया जाएगा।
- डायल 112 प्रणाली को अपग्रेड किया जाएगा।
- पुलिस आधुनिकीकरण पर 800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
चंडीगढ़, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब पुलिस भारत-पाकिस्तान सीमा पर 585 महत्वपूर्ण स्थानों पर 2,367 सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर सुरक्षा की दूसरी पंक्ति तैयार करेगी, जिसके लिए अनुमानित खर्च 49.58 करोड़ रुपए होगा। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को साझा की।
डीजीपी गौरव यादव ने संवाददाताओं को बताया कि यह कदम एक बड़े तकनीकी-आधारित सुरक्षा उन्नयन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सीमा की निगरानी और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि एंटी-ड्रोन सिस्टम (एडीएस) की संख्या मौजूदा तीन से बढ़ाकर जल्द ही नौ की जाएगी, जिसमें छह सिस्टम की खरीद प्रक्रिया चल रही है और अन्य 10 सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लाने का कार्यक्रम है।
उन्होंने बताया कि ड्रोन रिस्पॉन्स टीमों को पहले ही सक्रिय किया जा चुका है और अगले वर्ष गांव रक्षा समिति (वीडीसी) के सदस्यों के साथ बेहतर तालमेल के माध्यम से उन्हें और सशक्त बनाया जाएगा।
पंजाब पुलिस के लिए तकनीकी-आधारित 'विजन 2026' की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए यादव ने कहा कि बल एक व्यापक ढांचे और क्षमता सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस योजना का एक मुख्य हिस्सा डायल 112 इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम का आधुनिकीकरण है।
डीजीपी ने कहा, “डायल 112 के लिए मोहाली में 52 करोड़ रुपए की लागत से एक विशेष केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया जाएगा, जबकि 50 करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश के माध्यम से वाहनों के बेड़े को विस्तारित किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य रिस्पॉन्स टाइम को 12-13 मिनट से घटाकर लगभग 7-8 मिनट करना है।
साथ ही, बेहतर तालमेल और त्वरित घटना प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए 25 करोड़ रुपए की लागत से जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष को अपग्रेड किया जा रहा है, जो कम रिस्पॉन्स टाइम के लक्ष्य में सहायता करेगा।
पुलिस आधुनिकीकरण पर चर्चा करते हुए डीजीपी ने बताया कि राज्य सरकार ने पिछले तीन वर्षों में बल के उन्नयन पर 800 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। फील्ड में तैनात सभी पुलिस अधीक्षक-रैंक के अधिकारियों को नए वाहन दिए गए हैं और राज्य भर के पुलिस स्टेशनों और चौकियों को भी अतिरिक्त वाहनों से लैस किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले तीन वर्षों में लागू होने वाली 426 करोड़ रुपए की एक मेगा पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना में मोहाली के फेज-IV में साइबर क्राइम डिवीजन के लिए एक नया मुख्यालय, नवांशहर और मलेरकोटला जिलों में नई पुलिस लाइनें, और 11 नई पुलिस स्टेशन इमारतों का निर्माण शामिल है।
इसके अतिरिक्त, लुधियाना, फिरोजपुर और जालंधर में नए एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) रेंज कार्यालय खोले जाएंगे और मौजूदा एएनटीएफ इकाइयों को आधुनिक उपकरणों और फोरेंसिक उपकरणों से लैस किया जाएगा। नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के बारे में यादव ने कहा कि सरकार ने पहले ही गवाह सुरक्षा योजना की अधिसूचना जारी की है, जिससे दोषसिद्धि दर में सुधार की उम्मीद है।
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस स्टेशनों पर नेटवर्क कनेक्टिविटी को मौजूदा 50 एमबीपीएस से बढ़ाकर 100 एमबीपीएस किया जाएगा, जो कार्यभार और ऑपरेशनल आवश्यकताओं पर निर्भर करेगा।