क्या 23 अक्टूबर को पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का चक्का जाम होगा?

सारांश
Key Takeaways
- कर्मचारियों का प्रदर्शन 23 अक्टूबर को होगा।
- सरकार पर लापरवाही का आरोप।
- निजीकरण के खिलाफ विरोध।
- सैलरी में देरी की समस्या।
- हड़ताल की चेतावनी।
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों ने 23 अक्टूबर को पूरे पंजाब में चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार लापरवाह है।
पीआरटीसी और पीयूएन बस यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने निजीकरण बंद करने का वादा किया था, लेकिन अब यह कॉर्पोरेट हितों को प्राथमिकता दे रही है, जिससे सरकारी कर्मचारियों के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि 23 अक्टूबर को सरकार पीआरटीसी और पनबस के निजीकरण के लिए टेंडर खोल रही है, जिसका हम विरोध करते हैं। अगर यह टेंडर खोला गया, तो प्राइवेट बस संचालक 5 साल में कई बसों का मुआवजा ले जाएगा और इस स्थिति में सरकार को घाटा होगा। सरकार को अपनी बसों के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
रेशम सिंह गिल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने टेंडर खोला तो हम हड़ताल करेंगे और तरनतारन चुनाव में सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार को सत्ता में लाने में मदद की थी, अब हम उन्हें बता देंगे कि हम उन्हें सत्ता से बाहर भी कर सकते हैं।
कर्मचारियों ने अपनी सैलरी में देरी पर भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि दीपावली जैसे अवसर पर भी उन्हें बस अड्डा बंद करके सैलरी लेनी पड़ी और 1 तारीख को मिलने वाली सैलरी अक्सर 20-25 तारीख को मिलती है। ऐसे में निजीकरण से उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होगी। उन्होंने सरकार से निजीकरण के निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
रेशम सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार हमें परेशान कर रही है। चुनाव के वक़्त जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो तरनतारन चुनाव में उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।