क्या बिहार के पूर्णिया में डायन बिसाही के आरोप में पांच लोगों की हत्या हुई?

सारांश
Key Takeaways
- पूर्णिया में पांच लोगों की हत्या अंधविश्वास के चलते हुई।
- पुलिस ने शवों को बरामद कर लिया है।
- स्थानीय प्रशासन मामले की जांच कर रहा है।
- गांव में तनाव का माहौल है।
- अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता है।
पूर्णिया, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई है, जहां अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई।
पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
यह घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव की है। यहां एक परिवार के पांच लोगों को डायन के आरोप में पीट-पीटकर मारा गया और फिर उनके शवों पर तेल डालकर जला दिया गया।
पुलिस ने सभी पांच शवों को केसरिया बहियार से बरामद कर लिया है। जानकारी के अनुसार, गांव के रामदेव उरांव के बेटे की झाड़-फूंक के दौरान मृत्यु हुई थी और दूसरे बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी।
आरोप है कि इसी घटना के बाद गांववालों ने मौत की जिम्मेदारी डायन को मानते हुए एक परिवार को निशाना बनाया। आरोप लगाया गया कि उसी परिवार ने रामदेव के बेटे को बीमार किया।
एक प्रत्यक्षदर्शी, सोनू, का कहना है कि गांव के लगभग 50 से 70 लोग रात में घर में घुसकर उन पर लाठी-डंडों से हमला करने लगे। आरोप है कि बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत को पहले बुरी तरह पीटा गया और फिर उन्हें जिंदा जलाकर मार डाला।
घटना की जानकारी मिलते ही जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहित कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। सभी शवों को पुलिस ने बरामद कर लिया है।
पुलिस इस मामले में नकुल कुमार समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "जिस क्षेत्र में यह वारदात हुई, वह पूरी तरह से आदिवासी इलाका है। यह मामला झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र से संबंधित है। सभी शवों को बरामद कर लिया गया है और सभी जली अवस्था में हैं। पुलिस जांच कर रही है।"