क्या पूर्वी सेना कमांडर ने मिजोरम और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की समीक्षा की?

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क्या पूर्वी सेना कमांडर ने मिजोरम और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा की समीक्षा की?

सारांश

पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी ने मिजोरम और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा स्थिति और तैयारियों का मूल्यांकन किया, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।

Key Takeaways

  • पूर्वी सेना कमांडर का दौरा मिजोरम और त्रिपुरा में हुआ।
  • बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण सुरक्षा समीक्षा की गई।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैयारियों की सराहना की गई।
  • त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से जुड़ी हुई है।
  • भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर निगरानी रख रही है।

अगरतला, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में वर्तमान में चल रही अस्थिरता के बीच, पूर्वी सेना कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ मिजोरम और त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश सीमा क्षेत्रों का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था तथा तैयारियों का मूल्यांकन किया।

भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने शुक्रवार को अपने एक्स हैंडल पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ मिजोरम के परवा में स्पीयर कॉर्प्स के तहत तैनात असम राइफल्स और बीएसएफ के कंपनी ऑपरेटिंग बेस पहुंचे और भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया।

पोस्ट में उल्लेख किया गया कि सेना कमांडर ने असम राइफल्स और बीएसएफ के जवानों की दृढ़ता, साहस और उच्च स्तर की ऑपरेशनल तैयारियों की सराहना की।

इसके अतिरिक्त, लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी और जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अभिजीत एस. पेंढारकर ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ त्रिपुरा के दक्षिणी जिले बेलोनिया का दौरा किया और सीमा से संबंधित स्थितियों का मूल्यांकन किया।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत के चार पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), मिजोरम (318 किमी) और असम (263 किमी), कुल 1,880 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश के साथ साझा करते हैं। भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पास है।

त्रिपुरा की 856 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है और राज्य तीन ओर से पड़ोसी देश से घिरा होने के कारण तस्करी और अन्य सीमा-पार अपराधों के लिए संवेदनशील माना जाता है।

इससे पहले, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि बांग्लादेश की स्थिति पर भारत सरकार करीबी नजर बनाए हुए है और किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद पड़ोसी देश में कई चिंताजनक और हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने बताया कि त्रिपुरा सरकार सीमा पार स्थितियों से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर केंद्र सरकार को नियमित रूप से विस्तृत रिपोर्ट भेज रही है।

मुख्यमंत्री साहा ने मीडिया से कहा कि बांग्लादेश की जेलों से कई कुख्यात आतंकियों, अपराधियों और विभिन्न अपराधों में शामिल लोगों को रिहा किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत और उसकी सशस्त्र सेनाएं हर स्थिति का सामना करने के लिए हमेशा तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम से पूरी तरह अवगत है और उस पर करीबी नजर रखे हुए है।

Point of View

खासकर जब बांग्लादेश की स्थिति चिंताजनक है। यह दर्शाता है कि हमारी सशस्त्र सेनाएं हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

पूर्वी सेना कमांडर का दौरा किस क्षेत्र में था?
पूर्वी सेना कमांडर का दौरा मिजोरम और त्रिपुरा में था।
भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा का जिम्मा किसके पास है?
भारत-बांग्लादेश सीमा की सुरक्षा का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पास है।
क्या त्रिपुरा की सीमा बांग्लादेश से लगती है?
हाँ, त्रिपुरा की 856 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है।
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बांग्लादेश की स्थिति पर क्या कहा?
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश की स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है।
क्या बांग्लादेश में आतंकियों की रिहाई हुई है?
जी हाँ, बांग्लादेश की जेलों से कई कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया है।
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