क्या पुतिन का दौरा आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- पुतिन का दौरा आर्थिक सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
- रूस के साथ व्यापार में वृद्धि की संभावना है।
- कई समझौतों की उम्मीद है।
- भारत को एक बड़ा बाजार मिलने की संभावना।
- रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुँचने वाले हैं। यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद उनका यह पहला भारत दौरा है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों की संभावना है।
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति पुतिन का यह दौरा आर्थिक सहयोग को और अधिक मजबूत करने में सहायक होगा। उनके साथ एक बड़ा बिजनेस ग्रुप भी आ रहा है, जिससे भारत और रूस के बीच व्यापार में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
रूस के साथ भारतीय एक्सपोर्ट में वृद्धि की संभावना है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद और मरीन उत्पाद शामिल हैं। इससे भारतीय बिजनेस को एक विशाल बाजार मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों की भलाई होगी।
भारत और रूस के बीच शिपिंग, हेल्थकेयर, फर्टिलाइजर, और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों की संभावना है। दोनों देशों के बीच संबंधों में और भी अधिक सहयोग देखने को मिलेगा।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आगमन के लिए दिल्ली में सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। उनका यह 30 घंटे का दौरा विशेष माना जा रहा है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
पुतिन इस दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं वार्षिक भारत-रूस द्विपक्षीय समिट में भी शामिल होंगे। यह दौरा 4 दिसंबर की शाम से 5 दिसंबर की रात तक चलेगा। पीएम मोदी नई दिल्ली में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करेंगे और शाम 7 बजे उनके आगमन पर एक प्राइवेट डिनर का आयोजन किया जाएगा।
5 दिसंबर को पीएम मोदी और पुतिन के बीच बैठक होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस दिन राष्ट्रपति पुतिन को गॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जाएगा, और फिर वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद सुबह 11 बजे हैदराबाद में समिट की शुरुआत होगी, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, स्पेस और रणनीतिक सहयोग पर चर्चा होगी।