क्या राबड़ी देवी का एनडीए पर तंज सही है? 20 साल में विकास हुआ तो रैलियों की क्या आवश्यकता है?
सारांश
Key Takeaways
- राबड़ी देवी का एनडीए पर आरोप
- 20 साल में विकास का सवाल
- बदलाव की उम्मीद दर्शा रही जनता
- तेजस्वी यादव की संभावित नीतियाँ
- जनता की आवाज़ सुनना जरूरी है
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की बिहार में आयोजित चुनावी सभाओं पर तीखा कटाक्ष किया। उनका कहना था कि अगर एनडीए सरकार के 20 वर्षों में विकास हुआ है, तो बिहार में घूमने की क्या ज़रूरत है? नुक्कड़ सभाएं क्यों की जा रही हैं? क्या यह सब उचित है?
पटना में पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम ने कहा कि एनडीए ने 20 वर्षों के शासन में बिहार की जनता को धोखा दिया है। अब जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है और इस बार बदलाव के लिए वोट करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि हम जनता के बीच जा रहे हैं। कोई भी एनडीए शासन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संतुष्ट नहीं है। जनता ही मालिक है और इस बार बदलाव की उम्मीद है।
राबड़ी देवी ने यह भी कहा कि एनडीए ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है क्योंकि उन्हें पता है कि इस बार उनकी सरकार का जाना तय है। इसलिए बार-बार अमित शाह और पीएम मोदी को चुनावी सभाएं आयोजित करनी पड़ रही हैं।
बिहार में अगली सरकार किसकी बनेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम जनता के बीच जा रहे हैं और उनकी आवाज सुन रहे हैं। सब कुछ जनता के हाथ में है। हमें उम्मीद है कि 14 नवंबर
एक सोशल मीडिया पोस्ट में पूर्व सीएम ने लिखा कि तेजस्वी यादव की सरकार बनने पर जीविका सीएम दीदियों को पक्की नौकरी, 30 हजार रुपए की तनख्वाह, 5 लाख रुपए का बीमा, सरकारी कामों के लिए 2 हजार रुपए का भत्ता और पहले के लोन का ब्याज माफ किया जाएगा। इसके अलावा जीविका दीदियों को अगले 2 वर्षों तक ब्याज-मुक्त लोन भी मिलेगा।
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पीएम मोदी गुरुवार को मुजफ्फरपुर और छपरा में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। इन सभाओं को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।