क्या राधिका हत्याकांड के पीछे दीपक का गहरा राज़ है?

सारांश
Key Takeaways
- राधिका यादव की हत्या एक दुखद घटना है।
- पिता और बेटी के बीच संघर्ष ने एक गंभीर मोड़ लिया।
- मीडिया को ऐसे मामलों में जागरूकता फैलानी चाहिए।
- परिवारों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
- खेल और परिवार के बीच का तनाव कभी-कभी घातक हो सकता है।
गुरुग्राम, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव के हत्याकांड में गिरफ्तार पिता दीपक यादव के साथ पूछताछ का सिलसिला जारी है। शनिवार को एक दिन की रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने आरोपी पिता को अदालत में पेश किया, जहाँ से उसे १४ दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसी बीच, आरोपी दीपक के बड़े भाई और राधिका के ताऊ विजय ने हत्याकांड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
विजय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "जब यह घटना घटी, तब मैं अपने घर पर था। शोर सुनकर मैं घटनास्थल पर पहुंचा। मैंने दीपक से पूछा कि यह क्या हुआ, तो उसने कहा कि यह हरकत हो गई। दीपक ने कहा, 'भाई, कन्यावध हो गया, मुझे फांसी पर चढ़ा दो'।"
राधिका के ताऊ विजय ने यह भी कहा कि राधिका की हत्या एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा, "यह सही नहीं है। पिता भी दुखी है। दीपक बार-बार कन्यावध के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा था। दीपक अपनी बेटी को खेलों में समर्थन देता था। यह कहना गलत है कि वह बेटी की कमाई खा रहा था। दीपक ने कभी नहीं कहा कि उसके और बेटी के बीच कोई विवाद था। केवल दीपक ही बता सकता है कि उसने बेटी को क्यों मारा।"
गुरुग्राम के सेक्टर-५७ स्थित सुशांत लोक फेज-२ में २५ वर्षीय राधिका यादव की हत्या की गई, जिसमें उसके पिता को आरोपी पाया गया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि दीपक यादव अपनी बेटी के टेनिस अकादमी चलाने से नाराज थे। कहा जाता है कि दीपक ने कई बार टेनिस अकादमी बंद करने का अनुरोध किया, लेकिन राधिका ने इनकार कर दिया। इसी पर पिता ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी।
वहीं, राधिका के कोच अंकित पटेल ने कहा कि इस तरह कोई किसी को नहीं मार सकता है। ऐसी घटनाएं स्वीकार्य नहीं हैं। मैं राधिका को काफी समय से जानता था। जब वह लगभग १०-११ साल की थी, उसके पिता उसे टूर्नामेंट और ट्रेनिंग सेशन में लेकर आते थे। यह स्पष्ट था कि दीपक चाहता था कि राधिका एक सफल टेनिस खिलाड़ी बने। उसने जूनियर स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया। वे हमेशा उसे ट्रेनिंग सेंटर लाने और वापस ले जाने के लिए आते थे।