क्या राघव चड्ढा ने गिग वर्कर्स की मांगों का समर्थन किया?
सारांश
Key Takeaways
- गिग वर्कर्स की मांगें जायज हैं।
- डिलीवरी पार्टनर्स की मेहनत को नहीं भुलाना चाहिए।
- हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है।
- कंपनियों को डिलीवरी बॉय के साथ संवाद करना चाहिए।
- गिग वर्कर्स की स्थिति भविष्य में बेहतर हो सकती है।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने देशभर में गिग वर्कर्स की मांगों का समर्थन करते हुए कहा है कि डिलीवरी बॉय और राइडर्स की मांगें पूरी तरह से उचित हैं और इन्हें अनदेखा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा कि आज जो लोग सड़कों पर अपनी आवाज उठा रहे हैं, वे हमारे रोजमर्रा के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उनके अधिकारों पर गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए।
राघव चड्ढा ने कहा, "मैं आज हड़ताल पर बैठे सभी डिलीवरी बॉय और राइडर्स के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त करता हूं। उनकी जो भी मांगें हैं, वे बिल्कुल सही हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां बिलियन डॉलर की बन चुकी हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी सफलता के पीछे इन डिलीवरी पार्टनर्स की मेहनत है।
राघव चड्ढा ने कहा, "ये लोग इंसान हैं, कोई रोबोट नहीं। दिन-रात, धूप-बारिश में काम करते हैं। अगर ये कंपनियां अपनी वैल्यूएशन या ग्रोथ का एक छोटा सा हिस्सा भी अपने डिलीवरी पार्टनर्स की बेहतरी पर खर्च करें, तो न सिर्फ उनका जीवन सुधरेगा बल्कि वे और ज्यादा मन लगाकर काम कर पाएंगे। कंपनियों को डिलीवरी पार्टनर्स के साथ बैठकर व्यापक और गंभीर चर्चा करनी चाहिए।"
अपने व्यक्तिगत अनुभव को साझा करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि हाल ही में उन्होंने ब्लिंकिट के एक डिलीवरी राइडर, हिमांशु, को अपने घर बुलाया था। मैंने उसके साथ करीब ढाई से तीन घंटे बिताए, साथ में खाना खाया और लंबी बातचीत की। तब मुझे समझ में आया कि इन डिलीवरी बॉय और राइडर्स की असल परेशानियां क्या हैं, जिनके बारे में शायद पहले न हम जानते थे और न ही समाज।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो-तीन दिनों में जितने भी डिलीवरी बॉय और राइडर्स उनसे मिले हैं, सभी ने एक बात जरूर कही है कि जब वे हड़ताल की बात करते हैं, तो कुछ टीम लीडर्स और कुछ कंपनियों की ओर से उन्हें डराया-धमकाया जाता है। राघव चड्ढा ने स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कह रहे कि सभी कंपनियां ऐसा कर रही हैं, लेकिन जहां भी ऐसा हो रहा है, वह पूरी तरह गलत है।
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात रखने और शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है। किसी को डराकर उसकी आवाज दबाना स्वीकार्य नहीं है। गिग वर्कर्स की यह आवाज अब पूरे देश में गूंज रही है। इस मुद्दे को संसद में भी उठाया गया है और बाहर भी लोग समर्थन कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि जब देशभर से आवाजें उठेंगी, संसद में चर्चा होगी और समाज साथ खड़ा होगा, तो इसका समाधान जरूर निकलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में गिग वर्कर्स की स्थिति बेहतर होगी और उनके अधिकारों को वह सम्मान मिलेगा जिसके वे हकदार हैं।