क्या राहुल गांधी चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं? : मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि वे सेना की प्रशंसा नहीं करते।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकतंत्र के स्तंभों का सम्मान करने की बात कही।
- कांग्रेस की स्थिति संकट में है, जैसा कि यादव ने कहा।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में प्रज्ञा ठाकुर का उल्लेख किया गया।
- लोकतंत्र को कमजोर करने से राहुल गांधी की पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा।
भोपाल, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि वे सेना के कार्यों की प्रशंसा करने के बजाय पाकिस्तान और चीन की भाषा बोलते हैं।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी लगातार संवैधानिक संस्थाओं पर हमले कर रहे हैं, लोकतंत्र के सबसे मजबूत आधारों पर प्रहार कर रहे हैं और हर बार उन्हें असफलता का सामना करना पड़ता है। वे न्यायालय के फैसलों को नहीं मानते, जबकि न्यायालय ने उन्हें कई बार फटकार लगाई है और उन्होंने माफी भी मांगी है।
मुख्यमंत्री यादव ने आगे कहा कि राहुल गांधी लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों, जैसे न्यायालय, चुनाव आयोग, और सेना पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार उन्हें फटकार लगाई है, फिर भी वे अदालतों पर भरोसा नहीं करते।
उन्होंने कहा कि जब भी हमारी सेनाओं ने दुश्मन देशों को करारा जवाब दिया, राहुल गांधी सेना की प्रशंसा करने के बजाय चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलते रहे। यही वजह है कि आज कांग्रेस पूरी तरह से समाप्ति की ओर बढ़ रही है। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि लोकतंत्र को कमजोर करने से उनकी पार्टी को कोई लाभ नहीं होगा। बेहतर होगा कि वे विपक्ष की भूमिका संविधान के दायरे में रहकर निभाएं और अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने पर ध्यान दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी जी ने नेता प्रतिपक्ष के पद की गरिमा को ऊंचा किया था, लेकिन राहुल गांधी उस पद की गरिमा को घटा रहे हैं। उन्होंने मालेगांव बम धमाके में प्रज्ञा ठाकुर के दोषमुक्त होने पर कहा कि न्यायालय के फैसले से दूध का दूध, पानी का पानी हो गया। कांग्रेस के सारे षड्यंत्र विफल हुए और उनका मनगढ़ंत ‘भगवा आतंकवाद’ का नाटक उजागर हो गया। न्यायालय ने सिद्ध कर दिया कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता।