क्या राहुल गांधी का बयान भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत की अर्थव्यवस्था एक उभरती हुई महाशक्ति है।
- राहुल गांधी के बयान को राष्ट्र-विरोधी बताया गया है।
- केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं।
- विपक्ष का हंगामा संसद की कार्यप्रणाली को बाधित नहीं कर सकता।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार मजबूती से कार्य कर रही है।
नई दिल्ली, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ा जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' कहा था।
किरेन रिजिजू ने इसे 'राष्ट्र-विरोधी' मानसिकता करार देते हुए कहा कि यह बयान देश की छवि को नुकसान पहुँचाने वाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में अपनी पहचान बना रही है।
रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कोई बच्चे नहीं हैं और उन्हें देश की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी समझनी चाहिए। कुछ यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया पर भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर दिखाने की कोशिश की जा रही है, जो कि सच्चाई से बहुत दूर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, भारत ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है। विपक्ष के नकारात्मक प्रचार का देश के विकास पर कोई असर नहीं होगा।
संसद में चल रहे गतिरोध के बारे में किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संसद की कार्यक्षमता को समझने में असफल रहे हैं और हंगामे के जरिए केवल सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। कई विपक्षी सांसद अपनी क्षेत्रीय समस्याओं को उठाना चाहते हैं, लेकिन नेतृत्व उन्हें ऐसा करने से रोकता है।
किरेन रिजिजू ने संसदीय इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली जैसे नेताओं ने विपक्ष की भूमिका को गरिमापूर्ण ढंग से निभाया। इसके विपरीत, राहुल गांधी और उनके सहयोगी संसद की गरिमा को कम करने में लगे हुए हैं। संसद लोकतंत्र का केंद्र है और सभी सांसदों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
केंद्र सरकार की उपलब्धियों पर बात करते हुए किरेन रिजिजू ने बताया कि हाल के मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए हैं, जो देश के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। इनमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कानून शामिल हैं, जो सुनिश्चित करते हैं कि कोई व्यक्ति, चाहे वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री हो, भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाने पर अपने पद से इस्तीफा देना होगा। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग, खेल सुधार, खनन, शिपिंग और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की स्थापना जैसे विधेयकों को सरकार ने पेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार मजबूती से काम कर रही है और विपक्ष के हंगामे के बावजूद संसद अपना कार्य करती रहेगी।