क्या राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर विफल हो चुके हैं? : रामदास आठवले

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर आलोचना हुई।
- आठवले का कहना है कि वे नेता प्रतिपक्ष के रूप में असफल हैं।
- आधिकारिक सबूत न होने पर आरोप लगाना उचित नहीं है।
- पीएम मोदी की लोकप्रियता देश और विदेश दोनों में है।
- भारत की आर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में पूरी तरह से असफल हो चुके हैं।
आठवले ने राहुल गांधी की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने राहुल को झूठा बताते हुए कहा कि उनके बयान तथ्यहीन और निरर्थक हैं, जो केवल लोगों को गुमराह करने का प्रयास हैं।
राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र करते हुए रामदास आठवले ने कहा कि राहुल के पास कोई ठोस सबूत नहीं है और वे केवल झूठ फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि यदि राहुल के पास सच में कोई सबूत हैं, तो उन्हें सीधे कोर्ट या निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
आठवले ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले भी सबूत मांगे हैं, लेकिन उन्हें अब तक प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राहुल कभी कहते हैं कि वोट जोड़े गए हैं, कभी कहते हैं कि हटाए गए हैं। जबकि ईसीआई ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची से नाम ऑनलाइन नहीं हटाए जा सकते।
कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि असली 'चोरी' कांग्रेस के संगठन में हो रही है, जहां उनके कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल को पीएम नरेंद्र मोदी की प्रगति पसंद नहीं आ रही है। वे 'डेड इकोनॉमी' जैसे झूठे बयान देकर देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि विपक्ष के नेता के रूप में राहुल पूरी तरह से फेल हो चुके हैं; उनके बयान निरर्थक और तथ्यहीन हैं।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की लोकप्रियता केवल देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। उनके नेतृत्व में भारत तेजी से विकास कर रहा है और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पीएम मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है और स्वदेशी को बढ़ावा दे रहे हैं। विकसित भारत 2047 का सपना हम सभी को मिलकर पूरा करना है। पीएम मोदी इतनी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन राहुल केवल बेबुनियाद आरोप लगाकर झूठ बोलते हैं।