क्या कर्नाटक में जाति जनगणना पर सियासी घमासान है? भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू समाज को तोड़ने का आरोप लगाया?

Click to start listening
क्या कर्नाटक में जाति जनगणना पर सियासी घमासान है? भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू समाज को तोड़ने का आरोप लगाया?

सारांश

कर्नाटक में जाति जनगणना को लेकर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंदू समाज को बांटने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के तर्क और आरोपों के बीच सामाजिक-आर्थिक न्याय की बहस जारी है।

Key Takeaways

  • जाति जनगणना पर सियासी विवाद तेज हो गया है।
  • भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू समाज को तोड़ने का आरोप लगाया है।
  • कांग्रेस इसे सामाजिक-आर्थिक न्याय का कदम मानती है।
  • सिद्धारमैया सरकार पर विकास कार्यों से ध्यान भटकाने का आरोप।
  • जाति जनगणना को लेकर सलीम अहमद ने समर्थन किया है।

हुबली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में जाति जनगणना को लेकर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर हिंदू समाज को तोड़ने का गंभीर आरोप लगाते हुए तीव्र विरोध किया है, वहीं सत्ताधारी कांग्रेस इसे सामाजिक-आर्थिक न्याय का एक आवश्यक कदम मानती है।

हुबली में मीडिया से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "कांग्रेस पार्टी हमेशा से हिंदू विरोधी रही है और यह समस्याएं उत्पन्न करती रहती है। क्या आपने कभी लिंगायत ईसाई, ब्राह्मण ईसाई, कुरुबा ईसाई, एससी ईसाई या हरिजन ईसाई के बारे में सुना है?"

उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के मार्गदर्शन में सिद्धारमैया का लक्ष्य हिंदू समाज को तोड़ना है, क्योंकि वह एक अत्यधिक वामपंथी और हिंदू विरोधी हैं।

भाजपा विधायक अरविंद बेल्लाड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिद्धारमैया सरकार रोज़ नए विवाद उत्पन्न कर रही है ताकि लोगों का ध्यान विकास कार्यों से भटक सके। उन्होंने नवंबर में आने वाली जाति जनगणना रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सर्वेक्षण वामपंथी विचारधारा से प्रेरित है और इसका उद्देश्य हिंदू समाज को विभाजित करना है।

इससे पहले, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने लोगों को उनके धर्म के आधार पर विभाजित करने का खतरनाक कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यों के पास जाति जनगणना कराने का अधिकार नहीं है, फिर भी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने इसे लागू किया है और 47 नई जातियों का निर्माण किया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि ईसाई लिंगायत, ईसाई वोक्कालिगा, ईसाई बुनकर और ईसाई अनुसूचित जाति व जनजाति जैसी वर्गीकरण भ्रम उत्पन्न करने के लिए बनाई गई हैं। इस बीच, विजयेंद्र ने लोगों से अपील की कि राष्ट्र और राज्य के हित में यह आवश्यक है कि लोग अपना धर्म हिंदू के रूप में दर्ज करें।

भाजपा के आरोपों के बीच, कर्नाटक सरकार के मुख्य सचेतक सलीम अहमद ने जाति जनगणना के निर्णय की सराहना की है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पार्टी ने मेनिफेस्टो में जाति जनगणना का वादा किया था। सरकार पहले एक सर्वे कर चुकी है। यह एक री-सर्वे है, जो सोमवार से शुरू होगा। यह एक सकारात्मक निर्णय है।

Point of View

बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर भी बहस का विषय बन गया है। सभी पक्षों को अपनी बात रखने का अवसर मिलना चाहिए और हमें इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए उचित समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

जाति जनगणना का उद्देश्य क्या है?
जाति जनगणना का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति को समझना और सामाजिक-आर्थिक न्याय की दिशा में कदम उठाना है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच क्या विवाद है?
भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वे जाति जनगणना के जरिए हिंदू समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय का एक कदम मानती है।