क्या मतदाता सूची में गड़बड़ी की जांच होनी चाहिए? प्रियंका वाड्रा का राहुल गांधी के खुलासे पर बयान

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।
- प्रियंका वाड्रा ने चुनाव आयोग से जांच की मांग की है।
- भाजपा और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया से गड़बड़ी का संकेत मिलता है।
- कांग्रेस का कहना है कि लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास हो रहा है।
- मतदाता पहचान पत्र हर १८ वर्ष से ऊपर के नागरिक का अधिकार है।
नई दिल्ली, ८ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के संदर्भ में तथाकथित सबूत प्रस्तुत किए हैं, जिसके चलते राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के दावों का समर्थन करते हुए इस मामले की जांच की मांग कर रही है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' के मामले में बड़ा खुलासा किया है। 'वोट चोरी' की आवश्यक जांच होनी चाहिए। चुनाव आयोग मतदाता सूची उपलब्ध नहीं करा रहा है। इस मामले में जांच के बजाय, वह हलफनामा मांग रहा है। हम लगातार डेटा प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग इसे मानने को तैयार नहीं है।
भविष्य की रणनीति पर कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने कहा, "इंडिया गठबंधन के नेता आपस में चर्चा करेंगे और आगे का मार्ग तय करेंगे। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस पूरे मामले में अनियमितताएं हैं, जिसे सभी ने देखा है। जिस प्रकार से भाजपा और अन्य नेता प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उससे सिद्ध होता है कि गड़बड़ी हुई है।"
राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा, "यह एक मजाक नहीं है। चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। यह एक गंभीर मामला है और जैसा कि राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा, यह लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास है। इस दिशा में कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह संघर्ष करते रहेंगे।"
इस दौरान, एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा, "जब तक यह मुद्दा हल नहीं हो जाता, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, क्योंकि यह हमारा मौलिक अधिकार है। १८ वर्ष या उससे अधिक उम्र के हर भारतीय के पास मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए। वे किसे वोट देते हैं, यह उनकी अपनी पसंद है और किसी को भी यह अधिकार छीनने का हक नहीं है, चुनाव आयोग को भी नहीं। लेकिन ये लोग चाहते हैं कि उनके अधिकार छीन लिए जाएं।"