क्या राहुल गांधी के मछलियां पकड़ने पर कटाक्ष करना निषाद समाज का अपमान है?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का तालाब में जाना राजनीतिक चर्चाओं का विषय बना।
- उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मुकेश सहनी के बीच तीखी बयानबाजी हुई।
- निषाद समाज का अपमान होने का आरोप लगाया गया।
- समाज में सम्मान और गरिमा का मुद्दा उठाया गया।
- बिहार की राजनीति में यह एक नया मोड़ ला सकता है।
पटना, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी 2 नवंबर को बेगूसराय के एक तालाब पर गए थे। इस दौरान उन्होंने तैराकी की और मछलियां पकड़ीं। राहुल के इस तालाब में उतरने से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तंज करते हुए कहा कि राहुल गांधी पहले जलेबी बना रहे थे, अब मछली पकड़ने लगे हैं। महागठबंधन की ओर से डिप्टी सीएम पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राहुल गांधी मछुआरा समुदाय की समस्याओं को देखने गए थे। वे यह समझने गए थे कि मछुआरे कैसे मेहनत करते हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण कैसे करते हैं। क्या यह सम्मान के योग्य नहीं है?
अगर प्रधानमंत्री मोदी या एनडीए को राहुल गांधी के तालाब पर जाने से ठेस लगती है तो यह निषाद समुदाय का अपमान है। अगर कोई निषाद समाज को समझने जा रहा है तो उस पर कटाक्ष करना निषाद समाज का अपमान है।
मुकेश सहनी ने कहा कि हमें गर्व है कि राहुल गांधी जैसे बड़े नेता हमारे पास आ रहे हैं और हमारे काम को समझने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे समाज के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। एनडीए के लोग जिस तरह से कटाक्ष कर रहे हैं, उससे हमारे समाज का अपमान हुआ है।
उन्होंने कहा कि एनडीए के लोग नहीं चाहते कि बिहार का अगला डिप्टी सीएम मल्लाह समाज का बेटा बने। वे मुकेश सहनी का डिप्टी सीएम बनना बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे। सहनी ने कहा कि इन लोगों ने वर्षों तक हमें गुलाम बनाए रखा। अब हम गुलामी की जंजीरों को तोड़कर और सिर उठाकर जीएंगे।
एनडीए नेताओं ने यह भी कहा है कि राहुल गांधी सिर्फ मछली पकड़ेंगे और जलेबी बनाएंगे। हरियाणा में जलेबी बनाने के परिणाम सबने देखे और अब बिहार में मछली पकड़ने के परिणाम भी ऐसे ही होंगे।