क्या राहुल गांधी सिर्फ एक बच्चे हैं, नाचने-गाने से ऊपर नहीं है उनकी सोच?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की सोच को लेकर उठे सवाल।
- शिवसेना प्रवक्ता का तीखा बयान।
- राजनीति में नाच-गाने की तुलना।
- प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली पर चर्चा।
- कांग्रेस और आरएसएस के बीच तकरार।
मुंबई, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना प्रवक्ता शाइना एनसी ने राहुल गांधी के 'पीएम नाचेंगे' बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी मानसिकता में एक बच्चे के समान हैं और नाचने-गाने से परे उनकी सोच नहीं है।
शाइना एनसी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताकर उन्हें प्रधानमंत्री बनाया है और राहुल गांधी की सोच इस प्रकार की है। जब वे विदेश जाते हैं तो वे देश का अपमान करते हैं और भारत में रहकर मोदी का अपमान करते हैं। ऐसे लोगों को नाच-गाने के अलावा कुछ आता भी नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी को कौन-सी बातें शोभा देती हैं, यह उन्हें स्वयं पता है। उनके परिवार के कई सदस्य प्रधानमंत्री रहे हैं, जिससे यह साबित होता है कि उन्होंने भी अपमानित किया है। प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते, बल्कि वे पूरे देश के होते हैं। जनता ने उनके कार्यों के आधार पर वोट दिया है।"
शाइना एनसी ने यह भी कहा कि गांधी परिवार में कई प्रधानमंत्री बने हैं, क्या हम यह मानें कि वे सभी नाच-गाने के कारण प्रधानमंत्री बने? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार देश के लिए कार्य कर रहे हैं।
बिहार में एक चुनावी सभा के दौरान, राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि वे वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने मोदी पर ड्रामा करने का भी आरोप लगाया।
कर्नाटक सरकार पर निशाना साधते हुए, शिवसेना प्रवक्ता ने कहा कि आरएसएस का एक ही उद्देश्य है: राष्ट्रवाद। यदि कोई भी आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होता है, चाहे वह शिक्षक हो, तो आपको खुश होना चाहिए। कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति से बाहर आना चाहिए। कांग्रेस को आरएसएस से परेशानी है, लेकिन आरएसएस राष्ट्रहित में कार्य करता है। यह कोई नई बात नहीं है; यह कांग्रेस की पुरानी आदत है।