क्या राहुल गांधी को 'मेक इन इंडिया' की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देना चाहिए? : अश्विनी वैष्णव

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क्या राहुल गांधी को 'मेक इन इंडिया' की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देना चाहिए? : अश्विनी वैष्णव

सारांश

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राहुल गांधी को मेक इन इंडिया की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि भारत एक मजबूत उत्पादक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। जानिए इस विकास के पीछे की कहानी और इसका युवा महिलाओं पर प्रभाव।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी ने मेक इन इंडिया की सफलता को स्वीकार किया।
  • कर्नाटक में 30,000 श्रमिकों की भर्ती हुई।
  • महिलाएं इस इकाई में 80 प्रतिशत कर्मचारी हैं।
  • यह पहल सार्थक रोजगार सृजन को दर्शाती है।
  • प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण उत्पादक अर्थव्यवस्था की दिशा में है।

नई दिल्ली, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद दिया। मंत्री ने कहा कि भारत एक मजबूत उत्पादक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

कर्नाटक की एक विनिर्माण इकाई में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन को उजागर करने वाले राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए वैष्णव ने कहा कि ये घटनाक्रम देश में एक मजबूत विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।

राहुल गांधी की टिप्पणी साझा करते हुए वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की सफलता को स्वीकार करने के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद।

उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि आपने (राहुल गांधी ने) कहा है, हम अपने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को लागू करते हुए एक उत्पादक अर्थव्यवस्था बन रहे हैं।

अपने पोस्ट में राहुल गांधी ने महज आठ से नौ महीनों में लगभग 30,000 श्रमिकों की तीव्र भर्ती का जिक्र करते हुए इसे भारत में अब तक की सबसे तेज फैक्ट्री विस्तार प्रक्रिया बताया।

उन्होंने कहा कि यह विकास सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं है, बल्कि सार्थक रोजगार सृजन की बात है, खासकर युवा महिलाओं के लिए।

राहुल गांधी ने कहा कि सिर्फ आठ-नौ महीनों में 30,000 कर्मचारियों की भर्ती भारत में अब तक की सबसे तेज फैक्ट्री विस्तार प्रक्रिया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस इकाई में लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं, जिनमें से अधिकांश की आयु 19 से 24 वर्ष के बीच है, और उनमें से कई के लिए यह उनकी पहली नौकरी है।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। यह परिवर्तनकारी रोजगार सृजन है। इसे और भी प्रभावशाली बनाने वाली बात यह है कि इस इकाई का नेतृत्व मुख्य रूप से महिलाएं कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि कर्नाटक एक ऐसा वातावरण बनाकर उदाहरण पेश कर रहा है, जहां विनिर्माण तेजी से और बड़े पैमाने पर विकसित हो सकता है।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इस तरह की पहल से उस तरह के भारत का पता चलता है, जिसे बनाने की जरूरत है, जहां लोगों को सम्मान और समान अवसरों के साथ रोजगार मिले।

Point of View

यह घटना भारत के औद्योगिक विकास की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। राहुल गांधी का इस सफलता को स्वीकार करना एक सकारात्मक संकेत है, जो राजनीतिक विभाजन से परे जाकर राष्ट्रीय हित का संकेत देता है। यह समय है कि सभी राजनीतिक दल इस दिशा में एकजुट होकर काम करें।
NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

मेक इन इंडिया क्या है?
मेक इन इंडिया एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
राहुल गांधी का योगदान क्या है?
राहुल गांधी ने इस पहल की सफलता को स्वीकार किया है और इसके सकारात्मक परिणामों पर ध्यान आकर्षित किया है।
कर्नाटक की भूमिका क्या है?
कर्नाटक ने विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से विकास किया है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।
महिलाओं के लिए यह पहल कैसे फायदेमंद है?
इस पहल के तहत लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारियों में महिलाएं शामिल हैं, जो उनके लिए रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रही हैं।
क्या यह कार्यक्रम भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा?
हाँ, यह कार्यक्रम भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाते हुए रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा।
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