क्या राहुल-खड़गे को डिनर पार्टी में नहीं बुलाना भाजपा की हीन भावना है?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए प्रमोद तिवारी का बयान।
- डिनर पार्टी में कांग्रेस नेताओं को आमंत्रित न करना।
- अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान।
- सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग।
- इंडिगो की उड़ानों में देरी को बड़ा घोटाला बताया गया।
लखनऊ, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए आयोजित डिनर पार्टी का उल्लेख करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया। यह भाजपा की हीन भावना को दर्शाता है।
प्रमोद तिवारी ने आगे कहा कि खड़गे को आमंत्रित न करके अनुसूचित जाति से आने वाले लोगों का अपमान किया गया है।
बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी की ओर से बाबासाहेब को नमन करता हूं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में उन्होंने ड्राफ्टिंग कमेटी की अध्यक्षता की और ऐसा संविधान बनाया जो धर्म, जाति और लिंग के आधार पर पूर्ण समानता प्रदान करता है। यह देश की अमर विरासत है, जिसका भारत हमेशा सम्मान करेगा। लेकिन भाजपा इसे स्वीकार करने में असमर्थ दिखती है।
उन्होंने कहा कि सुंदर संविधान के लिए यह देश बाबासाहेब का सदैव ऋणी रहेगा। लेकिन, भाजपा यह बात बर्दाश्त नहीं कर पाती है।
रूसी राष्ट्रपति के लिए आयोजित डिनर पार्टी को लेकर उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर को रूस का डेलिगेशन आया था। रात्रि भोज का आयोजन था, भाजपा का कोई अपना कार्यक्रम नहीं था। परंपरा के अनुसार ऐसे अवसरों पर नेता प्रतिपक्ष को आमंत्रित किया जाता रहा है, चाहे अटल बिहारी वाजपेयी का समय हो या मनमोहन सिंह का। उन्होंने कहा कि नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक ने भारत-सोवियत मैत्री को मजबूत किया था।
उन्होंने कहा कि न केवल लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को नहीं बुलाया गया, बल्कि अनुसूचित जाति से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को भी नहीं बुलाया गया। केवल एक साधारण सदस्य (शशि थरूर) को बुलाया गया। यह भाजपा की हीन भावना और नफरत को दर्शाता है। मैं इस कदम की कड़ी निंदा करता हूं।
इंडिगो की उड़ानों में भारी देरी पर प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैंने 5 दिसंबर को राज्यसभा में जीरो आवर के दौरान यह गंभीर मुद्दा उठाया था। यह कोई छोटी घटना नहीं है, बल्कि एक बहुत बड़ा घोटाला और सिविल एविएशन के इतिहास के सबसे बड़े स्कैंडलों में से एक है। मैं मांग करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट स्वयं इस मामले का संज्ञान ले और अपनी निगरानी में इसकी जांच करवाए।