क्या राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने से महा विकास अघाड़ी में फूट पड़ेगी?

सारांश
Key Takeaways
- राज और उद्धव ठाकरे का एक साथ आना महा विकास अघाड़ी में दरार पैदा कर सकता है।
- बीएमसी चुनाव में दोनों की एकजुटता का असर होगा।
- अबू आजमी ने जन सुरक्षा विधेयक पर चिंता व्यक्त की है।
मुंबई, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आजमी ने बुधवार को कहा कि यदि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आते हैं, तो इससे विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में फूट पड़ सकती है।
अबू आजमी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया, "यह अच्छी बात है कि दोनों साथ आ रहे हैं और हमें इससे कोई समस्या नहीं है। लेकिन, मुझे लगता है कि उनका साथ आना महा विकास अघाड़ी में फूट का कारण बन सकता है।" सपा के रुख पर उन्होंने कहा कि पार्टी इससे अलग है।
मुंबई में बीएमसी चुनाव को लेकर चर्चा है कि दोनों भाई एकजुट हो रहे हैं। वहीं, कांग्रेस बीएमसी चुनाव में अलग से चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। यदि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ चुनाव लड़ते हैं, तो महा विकास अघाड़ी के टूटने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।
विशेष जन सुरक्षा विधेयक पर जब अबू आजमी से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि देश में पहले से ही ऐसे कानून हैं, जिनके तहत आजीवन कारावास या फांसी की सजा दी जा सकती है। नया कानून लाकर क्या हासिल होगा? नया कानून लाने से कोई लाभ नहीं होगा। देश में सेक्युलरिज्म और बोलने की आज़ादी है। लेकिन, इस विधेयक के द्वारा लोकतंत्र को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। संविधान का सम्मान करने वाले लोग इसका विरोध करेंगे।
जन सुरक्षा विधेयक पर अन्य विपक्षी नेताओं की चिंता मुख्यतः बोलने की आज़ादी और आंदोलन के संवैधानिक अधिकारों पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर है। विपक्ष का मानना है कि इस विधेयक के अंतर्गत विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। विपक्ष इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा और सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास मान रहा है।