क्या राज ठाकरे की हिंदी भाषियों के साथ गुंडागर्दी कायरता की निशानी है? : सांसद राजीव राय

सारांश
Key Takeaways
- भाषा के नाम पर हिंसा अस्वीकार्य है।
- सभी को अपने अधिकारों का संरक्षण प्राप्त है।
- एकता और विविधता का सम्मान करना चाहिए।
- सकारात्मक संवाद की आवश्यकता है।
- गुंडागर्दी का इलाज हो सकता है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद राजीव राय ने राज ठाकरे पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने ठाकरे के उस विवादास्पद बयान का कड़ा जवाब दिया, जिसमें ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि 'पीटो, लेकिन इसका वीडियो मत बनाओ।'
सपा सांसद ने राज्य में हिंदी बोलने वालों के खिलाफ हो रही कथित गुंडागर्दी पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में भाषा के नाम पर हिंदी बोलने वालों पर हमले किए जा रहे हैं, जिनमें गरीब, मजदूर और दुकानदार शामिल हैं। ये घटनाएँ बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
मंगलवार को एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में बॉलीवुड के लोग भी चुप हैं, जबकि उन्हें इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता जो मुंबई में कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि हिंदी बोलने वालों के प्रति उनकी कितनी नफरत है। भारत की खूबसूरती अनेकता में एकता है। वर्तमान समय में भाषा विवाद से बचना चाहिए। मराठी का सम्मान होना चाहिए, लेकिन गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वे सख्त कार्रवाई करें, अन्यथा उत्तर भारत से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
राज ठाकरे को एक संदेश में सपा सांसद ने लिखा, 'प्रिय राज ठाकरे। क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी राजनीतिक ताकत अब तक क्यों नहीं बनी? जब कोई पूछता नहीं है, तो मीडिया में आने के लिए गरीब हिंदी बोलने वालों के साथ गुंडागर्दी करना आपकी कायरता का प्रमाण है। जिस हिंदी सिनेमा से आपके परिवार ने अरबों की कमाई की, उनके खिलाफ क्यों नहीं बोलते? अगर हिम्मत है तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को मुंबई से बाहर कर दें।'
सपा सांसद ने आगे कहा कि अगर हिंदी बोलने वाले गरीब रोजी-रोटी के लिए महाराष्ट्र आते हैं, तो हजारों मराठी परिवार भी हिंदी सिनेमा पर ही निर्भर हैं। मराठी भाषा एक संस्कार की भाषा है, गुंडागर्दी की नहीं। इस देश का कोई हिस्सा केवल भाषा के नाम पर किसी के बाप का नहीं हो सकता। सभी देशवासियों का इस देश के हर हिस्से पर अधिकार है, जैसे हर मराठी मानुष का पूरे देश में सम्मान और अधिकार है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल आपके ही नहीं, बल्कि पूरे देश के हीरो हैं। याद रखिए, इस देश की पहचान अतिथि देवो भव: के भाव से है, ना कि गुंडागर्दी से। इसलिए आप आत्मचिंतन करें।