क्या राजद-कांग्रेस शासन में नरसंहार का दौर था? विजय सिन्हा का दावा

सारांश
Key Takeaways
- राजद-कांग्रेस के शासन में अपराध का दौर था।
- डबल इंजन की सरकार सुशासन और विकास पर जोर दे रही है।
- विजय सिन्हा ने विपक्ष के परिवारवाद पर निशाना साधा।
- संविधान का अपमान करने वालों का विरोध जारी रहेगा।
- लालू यादव के विरुद्ध नकारात्मक टिप्पणियाँ।
पटना, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि राजद-कांग्रेस के शासन में नरसंहार और अपराध अपने उच्चतम स्तर पर थे, जबकि वर्तमान में डबल इंजन की सरकार ने राज्य में सुशासन और विकास की नई कहानी लिखी है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा, "बिहार में कांग्रेस-राजद की सरकार के दौरान नरसंहार और अपराध का एक दौर था। हत्या, लूट और बलात्कार जैसे अपराध सामान्य बात हो गए थे। लेकिन अब बिहार में डबल इंजन की सरकार है जो सुशासन को सुनिश्चित कर रही है और विकास को गति दे रही है।"
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आगे कहा, "एक पक्ष विकास को बढ़ावा दे रहा है, जबकि दूसरा परिवारवाद को।"
उन्होंने कहा, "हमारा संकल्प है कि विकसित बिहार की मजबूत नींव पर एक और भी मजबूत इमारत खड़ी करें। आज बिहार के लोगों की उम्मीदें प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री से जुड़ी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर, जंगलराज के युवराज (तेजस्वी यादव) जो सोने के चम्मच के साथ पैदा हुए, अनुकंपा की राजनीति में लिप्त हैं और परिवारवाद की जमींदारी को अपनी जागीर समझते हैं, बिहार का माहौल बिगाड़ने में लगे हैं।"
विजय सिन्हा ने यह भी कहा, "एक पक्ष राष्ट्रवाद को मजबूत कर रहा है और दूसरा उसे कमजोर करने का प्रयास कर रहा है। संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान किया जा रहा है। हम संविधान में विश्वास करते हैं और उसका मजाक उड़ाने वालों का विरोध करते रहेंगे।"
उन्होंने बिहार में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, "पीएम का कहना बिल्कुल सही है कि अपराध कमजोर तंत्र से ही पनपता है। जो अपराधी और भ्रष्टाचारी जेल में रहकर शासन चलाते हैं, वो संविधान का मजाक है।"
लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा, "लालू यादव बिहार के लिए एक अभिशाप रहे हैं। उन्होंने बिहारियों को हमेशा बदनाम किया है और उनकी छवि का मजाक उड़ाया है। अब तो वह बिहार की सांस्कृतिक विरासत का भी अपमान कर रहे हैं। उनका बेटा तेजस्वी यादव भी अपने पिता के संस्कारों से भटक चुका है। अब उनके बयान को कोई गंभीरता से नहीं लेता।"