क्या राजस्थान में अंत्योदय शिविरों के माध्यम से जनसमस्याओं का समाधान हो रहा है? : सीएम भजन लाल शर्मा

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क्या राजस्थान में अंत्योदय शिविरों के माध्यम से जनसमस्याओं का समाधान हो रहा है? : सीएम भजन लाल शर्मा

सारांश

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने जनसभा में बताया कि अंत्योदय शिविरों के माध्यम से लंबित जन समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा रहा है। राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य के आठ करोड़ नागरिकों का जीवन सुधारना और विकास को गति देना है। जानिए इस शिविरों में और क्या-क्या सेवाएं दी जा रही हैं।

Key Takeaways

  • आठ करोड़ नागरिकों का जीवन सुधारने का प्रयास।
  • जन समस्याओं का त्वरित समाधान अंत्योदय शिविरों के माध्यम से।
  • राज्य में 4,102 करोड़ रुपए का बजट आवंटित।
  • नीमराना क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों का बढ़ता आकर्षण।
  • सरकारी योजनाओं के अंतर्गत 10,000 गांवों में सर्वेक्षण।

जयपुर, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार आठ करोड़ नागरिकों के जीवन को सुधारने और राज्य के विकास को तेज करने के लिए समर्पित है।

उन्होंने कोटपूतली-बहरोड़ जिले के बानसूर विधानसभा क्षेत्र के गिरुडी गांव में एक जनसभा में कहा कि अंत्योदय शिविरों के माध्यम से दीर्घकालिक जनसमस्याओं का त्वरित समाधान किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने पिछले डेढ़ साल में पूर्व की सरकार की तुलना में अधिक काम किए हैं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा के तहत आयोजित शिविरों का मुख्य उद्देश्य सबसे गरीब तबके को मुख्यधारा में लाना है। मुख्यमंत्री ने जयपुर-दिल्ली-मुंबई मार्ग पर स्थित कोटपूतली-बहरोड़ जिले के सामरिक महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो अपनी कृषि और औद्योगिक विकास के लिए प्रसिद्ध है।

उन्होंने कहा कि नीमराना औद्योगिक क्षेत्र वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन चुका है और यह स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन कर रहा है। इस विकास को समर्थन देने के लिए सरकार ने जिले के समग्र विकास के लिए 4,102 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। बानसूर विधानसभा क्षेत्र में नारायणपुर को नगरपालिका बनाने और नारायणपुर सीएचसी में बिस्तरों की क्षमता को 50 करने जैसे कई विकास कार्य शुरू किए गए हैं।

कई प्रमुख सड़क परियोजनाएं भी चल रही हैं, जिनमें महत्वपूर्ण निवेश किया गया है।

शर्मा ने यह भी कहा कि उनकी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विचारधाराओं के अनुरूप सामाजिक सीढ़ी के निचले पायदान पर रहने वालों के उत्थान को प्राथमिकता देती है।

शिविरों में भूमि विवादों का समाधान, स्वामित्व के दस्तावेज जारी करने, पशुपालकों को पशु बीमा, स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के तहत बीपीएल परिवारों की पहचान और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिए 10,000 गांवों में सर्वेक्षण किए जा रहे हैं।

इन शिविरों में दी जाने वाली अतिरिक्त सेवाओं में टैंक की सफाई, नल कनेक्शन वितरण, आयुष्मान कार्ड जारी करना और गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लंबित एनएफएसए मामलों का समाधान शामिल है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजस्थान में अंत्योदय शिविरों का उद्देश्य समाज के सबसे कमजोर वर्गों की समस्याओं को प्राथमिकता देना है। यह एक सकारात्मक कदम है जो न केवल विकास को बढ़ावा देगा बल्कि सामाजिक समरसता को भी सुनिश्चित करेगा। ऐसे कार्यक्रमों का महत्व तभी बढ़ता है जब वे वास्तविकता में लोगों की जिंदगी पर असर डालें।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

अंत्योदय शिविरों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
अंत्योदय शिविरों का उद्देश्य सबसे गरीब लोगों को मुख्यधारा में लाना है और उनकी लंबित समस्याओं का समाधान करना है।
राजस्थान सरकार ने इन शिविरों के लिए कितना बजट आवंटित किया है?
राजस्थान सरकार ने जिले के समग्र विकास के लिए 4,102 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है।
इन शिविरों में कौन-कौन सी सेवाएं प्रदान की जाती हैं?
इन शिविरों में भूमि विवादों का समाधान, पशु बीमा, स्वास्थ्य जांच, नल कनेक्शन, और आयुष्मान कार्ड जारी करने जैसी सेवाएं शामिल हैं।