क्या राजस्थान: भरतपुर पुलिस ने बड़े फ्रॉड इन्वेस्टमेंट केस का भंडाफोड़ किया?

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क्या राजस्थान: भरतपुर पुलिस ने बड़े फ्रॉड इन्वेस्टमेंट केस का भंडाफोड़ किया?

सारांश

राजस्थान पुलिस ने भरतपुर में एक बड़े फ्रॉड निवेश नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसने लाखों निवेशकों को ठगा। इस मामले में पांच लोग गिरफ्तार हुए हैं और करोड़ों रुपए की संपत्ति जब्त की गई है। जानें इस ठगी के पीछे का पूरा सच और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • राजस्थान पुलिस ने एक बड़े फ्रॉड इन्वेस्टमेंट केस का भंडाफोड़ किया।
  • इस धोखाधड़ी ने 3 लाख से अधिक निवेशकों को ठगा।
  • पुलिस ने पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।
  • धोखाधड़ी से 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
  • संपत्तियों में कैश, ज्वेलरी और क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं।

जयपुर, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के तहत, भरतपुर पुलिस ने एक विशाल फ्रॉड इन्वेस्टमेंट नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसने देशभर में 3 लाख से अधिक निर्दोष निवेशकों को ठगा है। इससे उन्हें 3,500 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है।

एक अधिकारी ने बताया कि पांच मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और कई संपत्तियाँ जब्त की गई हैं।

यह बड़ा ऑपरेशन भरतपुर के जिला पुलिस अधीक्षक, दिगंत आनंद की निगरानी में एक विशेष टीम द्वारा किया गया, जिसका नेतृत्व सर्कल ऑफिसर पंकज यादव कर रहे थे।

धोखाधड़ी का मामला तब सामने आया जब 12 नवंबर को मथुरा गेट पुलिस थाने में एक शिकायत दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया कि एक नकली निवेश वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए लोगों को उच्च रिटर्न, बोनस और इंसेंटिव का वादा कर क्रिप्टोकरेंसी और फॉरेक्स मार्केट में निवेश करने के लिए आकर्षित किया जा रहा था।

जांच से पता चला कि यह कंपनी सेबी, आरबीआई, एमसीए या भारत में किसी भी सक्षम नियामक प्राधिकरण के साथ रजिस्टर्ड नहीं थी।

हालांकि वेबसाइट का दावा था कि यह 2016 से रूस में काम कर रही है, लेकिन पुलिस ने पाया कि इस नेटवर्क ने वास्तव में नवंबर 2022 में जयपुर में अपनी गतिविधियाँ शुरू की थीं।

अधिकारी ने कहा कि संदीप सिगर और रजत शर्मा इस धोखाधड़ी के संचालन और प्रबंधन के पीछे के मुख्य व्यक्ति थे।

वेबसाइट ने गलत तरीके से बताया कि उसके 4.7 मिलियन यूजर्स हैं और प्रबंधन के तहत 4.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। हालांकि, भौतिक सत्यापन से पता चला कि असल में यूजर बेस लगभग 4.7 मिलियन था, लेकिन धोखाधड़ी से जमा किए गए असली डिपॉजिट की राशि 350 मिलियन रुपये (लगभग 3,100 करोड़ रुपए) थी।

यह ग्रुप एक और नकली निवेश वेबसाइट पीवीपी डॉटकॉम भी चला रहा था, जिसके जरिए लगभग 9,000 यूजर्स से 58 मिलियन डॉलर (500 करोड़ रुपए से अधिक) की ठगी की गई थी।

पुलिस ने इस बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड के सिलसिले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने 40 लाख रुपए कैश, सोने की ज्वेलरी, पांच लग्जरी गाड़ियां और लगभग 40 लाख रुपए की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। यह कार्रवाई इर्रेगुलर डिपॉजिट स्कीम्स प्रोहिबिशन एक्ट, 2019 की विभिन्न धाराओं और बीएनएस के संबंधित प्रावधानों के तहत की गई है।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज में वित्तीय जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होना आवश्यक है ताकि भविष्य में और लोग ठगी का शिकार न हों।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

फ्रॉड इन्वेस्टमेंट नेटवर्क क्या था?
यह एक नकली वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए लोगों को धोखा देने वाला नेटवर्क था।
पुलिस ने कितने लोगों को गिरफ्तार किया?
पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस धोखाधड़ी से निवेशकों को कितना नुकसान हुआ?
इस धोखाधड़ी के कारण निवेशकों को 3,500 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ।
पुलिस ने क्या-क्या जब्त किया?
पुलिस ने 40 लाख रुपए कैश, सोने की ज्वेलरी, पांच लग्जरी गाड़ियां और लगभग 40 लाख रुपए की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की।
यह धोखाधड़ी कब सामने आई?
यह धोखाधड़ी 12 नवंबर को मथुरा गेट पुलिस थाने में एक केस दर्ज होने के बाद सामने आई।
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