क्या राजस्थान पेपर लीक से त्रस्त था? एसआईटी क्यों दे रही है कठोर संदेश: अमित शाह

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क्या राजस्थान पेपर लीक से त्रस्त था? एसआईटी क्यों दे रही है कठोर संदेश: अमित शाह

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दादिया में पेपर लीक के मुद्दे पर चर्चा की है। उन्होंने राजस्थान सरकार की ओर से एसआईटी के गठन की सराहना की है, जिसे पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाने के लिए स्थापित किया गया है। जानिए इस सम्मेलन में और क्या कुछ खास हुआ।

Key Takeaways

  • एसआईटी का गठन पेपर लीक के खिलाफ कठोर कदम है।
  • अमित शाह ने सहकारिता सम्मेलन में भाग लिया।
  • राजस्थान कृषि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
  • नवचयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
  • गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण वितरित किए गए।

जयपुर, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दादिया में कहा कि कांग्रेस के शासन में पूरा राजस्थान पेपर लीक से पीड़ित था। अब एसआईटी का गठन कर पेपर लीक करने वालों को कठोर संदेश देने का कार्य राजस्थान सरकार ने किया है।

अमित शाह ने दादिया में सहकारिता सम्मेलन और रोजगार उत्सव का उद्घाटन किया। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित करने के संदर्भ में आयोजित किया गया। केंद्र सरकार ने राज्यों को सहकारिता से जुड़े 54 कार्य सौंपे हैं और राजस्थान का यह सम्मेलन उसी पहल का हिस्सा है। अमित शाह ने कहा कि राजस्थान कृषि में सबसे बड़ा योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा, "राजस्थान को पूरा देश ऊंटों की भूमि के रूप में जानता है। हमने सहकारिता का उपयोग करते हुए ऊंटों की नस्ल संरक्षण और ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों के परीक्षण पर रिसर्च शुरू की है, जिससे आने वाले दिनों में ऊंटों के अस्तित्व पर कोई खतरा नहीं आएगा।"

अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस के समय में पूरा राजस्थान पेपर लीक से त्रस्त था। एसआईटी गठित करके पेपर लीक करने वालों को कठोर संदेश देने का काम राजस्थान सरकार ने किया है। इसके साथ ही 4 साल के सहकारिता मंत्रालय ने 61 नए इनिशिएटीव्स के माध्यम से सहकारिता को मजबूत करने का कार्य किया है।"

गृह मंत्री ने आगे कहा, "2025 का वर्ष 'सहकारिता वर्ष' के रूप में मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 'अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष' की शुरुआत करने के लिए भारत को चुना और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन किया।"

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राज्य भर में 24 अनाज भंडारण गोदामों और 64 मिलेट्स बिक्री केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण 8,000 नवचयनित उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित करना था।

कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1,400 लाभार्थियों को लगभग 12 करोड़ रुपए के ऋण वितरित किए गए। साथ ही, दूध उत्पादक सहकारी समितियों को 2,346 माइक्रो एटीएम सौंपे गए। महत्वपूर्ण पहल के तहत अमित शाह ने व्हाइट रिवॉल्यूशन 2.0 पीडीसीएस ऑनलाइन पंजीकरण मंच की शुरुआत की।

कार्यक्रम के संपन्न होने के बाद वे एक कार्यकारी दोपहर भोज में हिस्सा लेंगे, जहां शासन और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। कार्यक्रम से पहले शाह ने राजस्थान पुलिस के 100 नए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को दोपहर 12:15 बजे जयपुर हवाई अड्डे पर पहुंचे। खराब मौसम के कारण जयपुर से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका, फिर अमित शाह सड़क मार्ग से दादिया पहुंचे।

अमित शाह की यह जयपुर में करीब तीन महीने बाद पहली बड़ी सार्वजनिक सभा है। अपनी पिछली यात्रा में वे जयपुर हवाई अड्डे से सीधे कोटपूतली-बहरोड़ जिले में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। दादिया गांव का यह आयोजन स्थल राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजस्थान सरकार का प्रयास पेपर लीक के मुद्दे को गंभीरता से लेना और एसआईटी का गठन करना, एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता बढ़ेगी, बल्कि युवाओं को भी न्याय मिलेगा। यह कदम देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण हो सकता है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

एसआईटी का गठन कब किया गया?
एसआईटी का गठन हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा किया गया है।
अमित शाह ने किस कार्यक्रम में भाग लिया?
अमित शाह ने दादिया में सहकारिता सम्मेलन और रोजगार उत्सव में भाग लिया।
राजस्थान में पेपर लीक की समस्या क्यों बढ़ी?
कांग्रेस के शासन में पेपर लीक की समस्या व्यापक रूप से बढ़ गई थी।
इस सम्मेलन में क्या विशेष आकर्षण था?
सम्मेलन में 8,000 नवचयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।
अमित शाह ने किस योजना के तहत ऋण वितरित किए?
अमित शाह ने गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऋण वितरित किए।