क्या राजीव प्रताप रूडी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की?

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क्या राजीव प्रताप रूडी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को नया मोड़ दिया है। भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस निर्णय की सराहना की है। जानिए इस महत्वपूर्ण फैसले के पीछे की कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव क्या होंगे।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए।
  • राजीव प्रताप रूडी ने इस निर्णय की सराहना की।
  • मतदाता सूची में गलत नामों को रोकने का प्रयास।
  • निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया पारदर्शी है।
  • मतदाता सूची पुनरीक्षण लोकतंत्र की जरूरी प्रक्रिया है।

छपरा, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया है कि पुनरीक्षण के लिए आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को मान्य दस्तावेज माना जाए। भारतीय जनता पार्टी के सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने शुक्रवार को इस निर्णय की प्रशंसा की।

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "यह समय चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाता सूची पुनरीक्षण में सहयोग करने का है। हम सभी उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर कार्य कर रहे हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गलत लोगों का नाम मतदाता सूची में न जुड़े और सही लोगों का नाम न छूटे। हम सभी इस कार्य में पूरे उत्साह के साथ जुटे हुए हैं।"

विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट का निर्णय ऐतिहासिक है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट के सुझाव ने विपक्ष को एक बड़ा झटका दिया है, क्योंकि वे चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे थे। कोर्ट के निर्देश का सभी को पालन करना चाहिए। कोई रोक नहीं है और मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, जो संविधान में वर्णित है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। यह पूरे राज्य में सुचारु रूप से किया जा रहा है।

यह उल्लेखनीय है कि बिहार में चुनावों के निकट मतदाता सूची पुनरीक्षण का मामला गरमा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई में कहा कि निर्वाचन आयोग आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को मतदाता पंजीकरण के लिए मान्य दस्तावेज मानता है। न्यायालय ने कहा कि ११ स्वीकार्य दस्तावेजों की आधिकारिक सूची संपूर्ण नहीं है।

Point of View

जिससे मतदाता सूची पुनरीक्षण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय कब आया?
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ११ जुलाई, २०२३ को आया।
राजीव प्रताप रूडी ने इस फैसले पर क्या कहा?
राजीव प्रताप रूडी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया।
मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए कौन-कौन से दस्तावेज मान्य हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड, मतदाता फोटो पहचान पत्र और राशन कार्ड को मान्य दस्तावेज माना है।
क्या इस फैसले से चुनावी प्रक्रिया प्रभावित होगी?
जी हां, इस फैसले से बिहार में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
इस निर्णय का राजनीतिक असर क्या होगा?
इस निर्णय से विपक्ष को झटका लगा है और यह आगामी चुनावों में भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।