क्या कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने निशिकांत दुबे के मानसिक संतुलन पर सवाल उठाया?

सारांश
Key Takeaways
- राजेश ठाकुर ने निशिकांत दुबे के आरोपों पर गंभीरता से विचार करने की मांग की।
- सीआईए के धन का आरोप राजनीति में नया विवाद है।
- आरोपों के पीछे की सच्चाई को जानने के लिए जांच की आवश्यकता है।
रांची, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए का धन कांग्रेस पार्टी तक पहुंचा है।
राजेश ठाकुर ने भाजपा सांसद पर तंज कसते हुए कहा कि मुझे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। उन्हें केंद्र में उचित पद दिया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार के आरोप निशिकांत दुबे लगा रहे हैं, उसे देखते हुए एनआईए को तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए। पहले इन लोगों ने ईडी की आड़ लेकर हम पर आरोप लगाए और अब ये सीआईए का हवाला देकर हम पर आरोप लगा रहे हैं। अगर यह सिलसिला यूं ही जारी रहा, तो बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में ये लोग आईएसआई की आड़ लेकर भी हम पर आरोप लगाएं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को देखना चाहिए कि निशिकांत दुबे काफी गंभीर आरोप लगा रहे हैं। लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि सबकुछ स्पष्ट हो सके। मैं चाहता हूं कि उनसे इस मामले पर पूछताछ होनी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आखिर वे इस तरह के आरोप किस आधार पर लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब हम सभी लोगों को निशिकांत दुबे को बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। वह यह संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं कि मौजूदा समय में उनकी बातों की वैल्यू है। मुझे नहीं लगता कि वे जिस प्रकार की बातें कर रहे हैं, उसे देखते हुए उन्हें कोई गंभीरता से ले रहा है।
उन्होंने कहा कि वे अपनी तरफ से ऐसी बातें करके केंद्र सरकार तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुझे कोई पद मिल जाए। केंद्र सरकार को उनके इस संदेश पर विचार करना चाहिए।
इसके अलावा कांग्रेस नेता राजेश ठाकुर ने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के राजद को ‘समाजवादी’ के स्थान पर ‘नमाजवादी’ बताए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में गौरव भाटिया जैसे नेता को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। गौरव भाटिया ने खुद समाजवादी पार्टी से करियर शुरू किया और फिर भाजपा में शामिल हो गए। आखिर वे कहां से समाजवादी समझेंगे।