क्या राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संवाद की अपील की?

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क्या राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात में सकारात्मक संवाद की अपील की?

सारांश

राजनाथ सिंह और डॉन की मुलाकात ने द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मकता की उम्मीद जगाई। दोनों ने रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया और कैलाश मानसरोवर यात्रा की खुशी साझा की। क्या यह संबंधों में नई दिशा दे सकता है?

Key Takeaways

  • द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मकता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा का पुनः आरंभ एक सकारात्मक संकेत है।
  • भारत ने आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर स्पष्टता दिखाई।

किंगदाओ, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट के दौरान भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री डॉन की मुलाकात हुई। राजनाथ सिंह ने इस बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि हमने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। रक्षा मंत्री ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने पर खुशी जताई।

राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के साथ बातचीत की। हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। लगभग 6 साल के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर खुशी व्यक्त की। दोनों पक्षों के लिए यह आवश्यक है कि वे इस सकारात्मक गति को बनाए रखें और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें।"

राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के लिए गुरुवार को चीन पहुंचे। उनके आगमन पर एडमिरल डॉन जून ने उनका स्वागत किया। राजनाथ सिंह, डॉन जून और अन्य नेताओं ने बैठक से पहले एक समूह फोटो भी खिंचवाई।

इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले का उल्लेख किया, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिकों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवादी ढांचे को नष्ट करने के लिए "ऑपरेशन सिंदूर" का सहारा लिया। उन्होंने एससीओ देशों से दोहरे मानदंडों को अस्वीकार करने और आतंकवादियों के सहयोगियों को जवाबदेह ठहराने का भी आग्रह किया।

भारत ने एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन नहीं किया, क्योंकि इसमें आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को दरकिनार किया गया था।

Point of View

यह मुलाकात भारत और चीन के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। दोनों देशों के बीच सकारात्मक संवाद आवश्यक है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा मिल सके और विवादों को सुलझाया जा सके।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

राजनाथ सिंह और डॉन की मुलाकात का उद्देश्य क्या था?
इस मुलाकात का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान करना था।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का क्या महत्व है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और इसका पुनः आरंभ होना एक सकारात्मक संकेत है।
भारत ने एससीओ के संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन क्यों नहीं किया?
भारत ने संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन इसलिए नहीं किया क्योंकि इसमें आतंकवाद से जुड़ी चिंताएं शामिल नहीं थीं।