क्या राज्यपाल ने अयोध्या के अमौना विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया?

सारांश
Key Takeaways
- शैक्षिक विकास के लिए सही पोषण आवश्यक है।
- मिड-डे मील की गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।
- बच्चों को नैतिक शिक्षा दी जानी चाहिए।
- विद्यालयों में अनुशासन और स्वच्छता का होना आवश्यक है।
- डिजिटल शिक्षण को अपनाना चाहिए।
लखनऊ, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अयोध्या जनपद के मसौदा विकासखंड में स्थित कंपोजिट विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा और निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शैक्षिक, पोषण और आधारभूत व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन किया। मिड-डे मील की गुणवत्ता का परीक्षण करते हुए, उन्होंने विद्यार्थियों के समग्र विकास को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राज्यपाल ने विद्यालय परिसर में रसोईघर, डिजिटल स्मार्ट क्लासरूम और आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने मिड-डे मील व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया और स्वयं भोजन का स्वाद लेकर उसकी गुणवत्ता का मूल्यांकन किया। इसके साथ ही उन्होंने खाना बना रहे रसोइयों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संवाद कर बच्चों को उपलब्ध सुविधाओं, पोषण कार्यक्रमों, स्वच्छता और उपस्थिति से संबंधित जानकारी प्राप्त की।
इस निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने नन्हे-मुन्ने बच्चों से आत्मीयता से संवाद किया। बच्चों ने उनके समक्ष प्रार्थना, कविताएं, गीत और गिनती प्रस्तुत की, जिसे सुनकर राज्यपाल ने उनकी सराहना की और स्वयं उन्हें फल और चॉकलेट वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कक्षाओं का भी निरीक्षण किया और विद्यार्थियों से पाठ्य पुस्तकों को पढ़वाया। डिजिटल शिक्षण की व्यवस्था पर भी चर्चा की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए केवल अकादमिक शिक्षा ही नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों, योग, खेलकूद और प्रेरणादायक प्रसंगों की जानकारी देना भी अत्यधिक आवश्यक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यालयों में बच्चों को प्रतिदिन प्रार्थना कराना, महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा देना, नैतिक शिक्षा देना तथा योग और खेलकूद को नियमित अभ्यास में लाना चाहिए ताकि बच्चों में अनुशासन, आत्मविश्वास और संस्कार विकसित हों।
राज्यपाल के इस निरीक्षण को शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता, अनुशासन और संवेदनशीलता लाने के सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। उनके दौरे से स्थानीय प्रशासन और विद्यालय प्रबंधन को यह संदेश गया है कि बच्चों की शिक्षा और पोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक स्तर पर सतत निगरानी और सुधार की आवश्यकता है।