क्या तमिलनाडु के राज्यपाल रवि की 'टी पार्टी' का बहिष्कार राजनीतिक है?

सारांश
Key Takeaways
- राज्यपाल आरएन रवि की 'टी पार्टी' का बहिष्कार प्रमुख दलों द्वारा किया गया।
- इस बहिष्कार का कारण संविधान और तमिलनाडु के हितों के खिलाफ कार्य हैं।
- राजनीतिक दलों का एकजुट होना एक महत्वपूर्ण संकेत है।
चेन्नई, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्यपाल आरएन रवि द्वारा आयोजित 'टी पार्टी' का राजनीतिक दलों ने बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। डीएमके, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 'टी पार्टी' में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि ने राज भवन में पारंपरिक 'टी पार्टी' के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था। लेकिन, डीएमके, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) और मणिथनेय मक्कल काची ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया।
उन्होंने यह निर्णय राज्यपाल के पदभार ग्रहण के बाद से संविधान और तमिलनाडु के हितों के खिलाफ कथित तौर पर किए गए कार्यों के विरोध में लिया है।
तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हम तमिलनाडु के लोगों और इस भूमि के अधिकारों के खिलाफ कार्य करने वाले राज्यपाल की निंदा करते हैं। इसके अलावा, केंद्र की भाजपा सरकार के इशारे पर मतदाता सूची में अनियमितताएं पैदा करने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की भी निंदा करते हैं। कुंभकोणम में मुथमिज अरिग्नार कलैग्नर के नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित करने के विधेयक को जानबूझकर देरी से राष्ट्रपति को भेजने के लिए भी हम राज्यपाल की निंदा करते हैं। इन कारणों से तमिलनाडु कांग्रेस के विधायक स्वतंत्रता दिवस पर उनके द्वारा आयोजित चाय समारोह का बहिष्कार करते हैं।"
विदुथलाई चिरुथिगल काची के नेता थोल. थिरुमावलवन ने भी 'टी पार्टी' में शामिल नहीं होने का फैसला किया। उन्होंने एक्स पर एक बयान में कहा, "राज्यपाल ने हमेशा की तरह स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए वीसीके को निमंत्रण दिया है। इसके लिए हम उनकी सराहना करते हैं। हालांकि, हमेशा की तरह हम यह सूचित करना चाहेंगे कि वीसीके इस आयोजन में भाग नहीं लेगी।"
उल्लेखनीय है कि सीएम स्टालिन के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल आरएन रवि के बीच मतभेद की खबरें सामने आती रहती हैं।
इसी साल जनवरी में तमिलनाडु के राज्यपाल रवि के खिलाफ डीएमके सड़क पर उतरी थी। डीएमके ने राज्यपाल रवि के विधानसभा में राज्य सरकार के पारंपरिक संबोधन को पढ़ने से इनकार करने को लोगों की उपेक्षा बताया था। इसके बाद उनके खिलाफ डीएमके ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।