क्या राम कदम ने राहुल गांधी पर तंज कसा, क्या एक अंशकालिक नेता देश का भविष्य बना सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- राम कदम ने राहुल गांधी को अपरिपक्व नेता बताया।
- बिहार की जनता डबल इंजन सरकार के लिए वोट करने को तैयार है।
- राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर सुरक्षा खामियों का आरोप लगाया गया।
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की मुलाकात को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
- बिहार में जंगलराज की वापसी नहीं होगी।
मुंबई, ६ अक्टूबर २०२५ (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र से भाजपा नेता राम कदम ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर यह दावा किया है कि बिहार की जनता को पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहे विकास कार्य पसंद हैं और लोग आगामी विधानसभा चुनाव में भी विकास के नाम पर डबल इंजन की सरकार के लिए मतदान करेंगे। उन्होंने राहुल गांधी को एक अपरिपक्व नेता बताया।
भाजपा नेता ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जंगलराज को देख लिया है और बिहार में कभी भी जंगलराज की वापसी नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के लिए हम तैयार हैं। एनडीए के सामने विपक्ष डरा हुआ है और हार से पहले ही हार की तैयारी कर रहा है कि जनता के बीच क्या कहेंगे।
राहुल गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता ने बार-बार पाकिस्तान और अन्य दुश्मन देशों के प्रवक्ता की तरह कार्य किया है। उनकी जवाबदेही अब स्पष्ट है।
अगर पाकिस्तान किसी बात से इनकार करता है तो हम समझ सकते हैं, लेकिन जब हमारे देश के लोग, जैसे कि विपक्षी नेता, सबसे पहले इनकार करते हैं, तो यह चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक अंशकालिक नेता हैं जो अभी परिपक्व नहीं हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, जब वह विदेश यात्रा पर जाते हैं तो अपनी सुरक्षा टीम को सूचित नहीं करते हैं, जिससे सुरक्षा खामियां उत्पन्न होती हैं। आंतरिक मामलों पर चर्चा करना और विदेशों में भारत को बदनाम करना उनकी आदत बन गई है। एक अंशकालिक नेता देश का भविष्य नहीं बना सकता। केवल त्याग और समर्पण का जीवन जीने वाले लोग ही देश को आगे बढ़ा सकते हैं।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच मातोश्री में हुई मुलाकात पर उन्होंने कहा कि वे दो सगे भाई हैं और उनकी मुलाकात को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं होगा। इससे पहले राज ठाकरे कह चुके हैं कि मुलाकात का मतलब गठबंधन बनाना नहीं है और यह उनका निजी फैसला है। कौन से दल साथ आएंगे, यह उनका निजी निर्णय है। साथ आने पर भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा कि राज ठाकरे का एक भी विधायक नहीं है। उद्धव ठाकरे के साथ स्थिति यह है कि कब उनके विधायक एकनाथ शिंदे के साथ चले जाएं, यह उन्हें भी पता है।
भाजपा नेता ने कहा कि हमें नहीं लगता कि राज ठाकरे साथ जाएंगे। अगर साथ भी आते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा।