क्या राम पथ गमन से पहले चित्रकूट में परिक्रमा पथ बनेगा? : मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- चित्रकूट में परिक्रमा पथ का निर्माण किया जाएगा।
- राम पथ गमन परियोजना का उद्देश्य धार्मिक स्थलों का विकास है।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसकी समीक्षा की है।
- परियोजना से पर्यटन और चिकित्सा सुविधाओं में सुधार होगा।
- सोमवती अमावस्या पर भीड़ प्रबंधन की योजना बनाई जाएगी।
भोपाल, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में राम पथ गमन परियोजना पर राज्य सरकार ने तेजी से पहल शुरू की है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राम पथ गमन के निर्माण से पहले चित्रकूट में परिक्रमा पथ का निर्माण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में श्रीराम पथ गमन कार्य योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं का ध्यान चित्रकूट की ओर केंद्रित हो गया है। इसलिए चित्रकूट में धार्मिक और चिकित्सा पर्यटन की संभावनाओं को विकसित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। चित्रकूट में एक उच्च स्तर का हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। इससे यहाँ आने वाले पर्यटकों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम पथ गमन के निर्माण से पहले परिक्रमा पथ तैयार किया जाए, जिससे चित्रकूट का प्रचार देश-विदेश में बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के घाटों पर आने वाले पर्यटकों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना अत्यंत आवश्यक है और हमें इसी दिशा में काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि चित्रकूट के समग्र विकास के लिए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल किया जाए। बड़ी कंपनियों के सीएसआर फंड से चित्रकूट में सेवा गतिविधियों का विकास हो। चित्रकूट में परिक्रमा पथ को जल्द से जल्द तैयार किया जाए, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए भीड़ प्रबंधन के लिए सूक्ष्म योजना बनाई जाए।
उन्होंने अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास को निर्देश दिए कि चित्रकूट नगर परिषद होने के नाते वहाँ नगरीय विकास से जुड़े सभी कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। चित्रकूट नगर का सौंदर्यीकरण इस प्रकार किया जाए कि वह और भी अधिक आकर्षक, योजनाबद्ध और व्यवस्थित हो। अपर मुख्य सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा मंत्रि-परिषद के निर्णय के अनुसार श्रीराम पथ गमन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए श्रीराम पथ गमन न्यास का गठन किया गया है। इस न्यास में 33 सदस्य हैं, जिनमें 28 पदेन न्यासी हैं।
उन्होंने बताया कि इस न्यास में 5 विशेषज्ञों की भी नियुक्ति की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि चित्रकूट में घाटों के विस्तार एवं जीर्णोद्धार तथा सौंदर्यीकरण के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा चित्रकूट के समग्र विकास के लिए प्रस्ताव शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। पर्यटन स्थल विकास के लिए मझगवां में वन विभाग से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी।
उन्होंने उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश में श्रीराम पथ गमन क्षेत्र के अंतर्गत प्रारंभिक रूप से 9 जिलों में 23 स्थल चिन्हित किए गए हैं। संस्कृति विभाग द्वारा श्रीराम पथ गमन स्थल की प्लान कनेक्टिविटी के अनुसार लोक निर्माण विभाग और आरआरडीए द्वारा सड़कों का निर्माण और उन्नयन सुनिश्चित किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव पर्यटन ने बताया कि अमरकंटक में भारत सरकार की प्रसाद योजना के तहत चल रहे कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं। वर्तमान में अमरकंटक में 50 करोड़ रुपये की लागत के कार्य पूरे हो चुके हैं।