क्या राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आए?

सारांश
Key Takeaways
- राम रहीम की पैरोल को लेकर विवादित चर्चाएँ जारी हैं।
- उनकी रिहाई उनके जन्मदिन के आस-पास हुई है।
- उन्होंने सिरसा के डेरा में रहने की अनुमति प्राप्त की है।
- उनकी सजा और रिहाई पर सामाजिक प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण हैं।
- पत्रकार रामचंद्र के बेटे का विरोध उनकी रिहाई पर लगातार जारी है।
रोहतक, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बलात्कार और हत्या के दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को एक बार फिर हरियाणा की रोहतक जेल से पैरोल पर रिहा किया गया है। यह इस वर्ष उनकी तीसरी और 2017 में सजा मिलने के बाद से 14वीं रिहाई है। पिछली बार उन्हें पैरोल केवल तीन महीने पहले मिली थी, लेकिन इस बार यह 40 दिनों की है।
राम रहीम की रिहाई उनके जन्मदिन के आसपास होने के कारण चर्चा में है, जो कि 15 अगस्त को है। इससे पहले, उन्हें अप्रैल में 21 दिनों की फरलो और जनवरी में 30 दिनों की पैरोल दी गई थी। राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं।
वर्तमान में, 40 दिन की पैरोल पर बाहर आए राम रहीम अपने सिरसा डेरा में रहेंगे, जो कि 2017 में बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी तीसरी यात्रा होगी। इस बार सजायाफ्ता राम रहीम को सिरसा के डेरा सच्चा सौदा आश्रम में रहने की अनुमति मिली है। पहले उन्हें उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के शाह सतनाम आश्रम, बरनावा में रहने की इजाजत दी जाती थी, लेकिन सिरसा जाने की अनुमति नहीं थी।
राम रहीम को अगस्त 2017 में दो महिला अनुयायियों के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इस सजा के बाद पंचकूला और सिरसा में गंभीर हिंसा हुई थी, जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए थे। 2019 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें पत्रकार रामचंद्र की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा भी दी थी।
हालांकि, राम रहीम की पैरोल पर हमेशा से विवाद उठते रहे हैं। पत्रकार रामचंद्र के बेटे अंशुल छत्रपति हर बार उनकी रिहाई पर विरोध जताते आए हैं। इससे पहले, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने राम रहीम को अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल देने से इनकार कर दिया था।