क्या रांची में श्री गुरु तेग बहादुर की शहीदी को समर्पित ‘जागृति यात्रा’ का स्वागत हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं।
- धर्म की रक्षा के लिए बलिदान का महत्व।
- सामाजिक एकता का प्रतीक।
- यात्रा का उद्देश्य जन जागरूकता बढ़ाना।
- श्री आनंदपुर साहिब की ओर यात्रा का मार्ग।
रांची, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज की शहादत के 350वें वर्ष के उपलक्ष्य में पटना साहिब से प्रारंभ हुई ‘जागृति यात्रा’ का रांची में भव्य स्वागत किया गया। इस विशेष अवसर पर बुधवार को पीपी कंपाउंड में स्थित गुरु नानक स्कूल में एक विशाल दीवान सजाया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालु उपस्थित हुए। कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार भी विशेष रूप से शामिल हुए।
उन्होंने कीर्तन सुनकर आशीर्वाद प्राप्त किया और गुरु साहिब के अद्वितीय बलिदान एवं शिक्षाओं को याद किया। राज्यपाल गंगवार ने कहा, "धर्मरक्षा के लिए श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज की शहादत को नमन कर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। हमें उनके आदर्शों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारना चाहिए।" इस कार्यक्रम के दौरान, रांची की सिख संगत ने राज्यपाल को धार्मिक स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
यह उल्लेखनीय है कि यह पवित्र ‘जागृति यात्रा’ 17 सितंबर को पटना साहिब के गुरु का बाग गुरुद्वारा से शुरू हुई थी। आयोजकों के अनुसार, यह यात्रा देश के विभिन्न शहरों और गुरुद्वारों में संगत के साथ संवाद करते हुए श्री आनंदपुर साहिब की ओर बढ़ेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य गुरु साहिब के अद्वितीय बलिदान, धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और मानवता के लिए दिए गए उनके शाश्वत संदेश का व्यापक प्रसार करना है।
दीवान में आयोजित कीर्तन और प्रवचनों के माध्यम से गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को दोहराया गया और समाज को उनके मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया। इस अवसर पर संगत ने सेवा और लंगर की भी व्यवस्था की। यह यात्रा झारखंड के जमशेदपुर के बाद ओडिशा, असम और पश्चिम बंगाल सहित कुल नौ राज्यों के विभिन्न शहरों से गुजरते हुए नवंबर महीने में आनंदपुर साहिब पहुंचेगी।