क्या राष्ट्रपति ने राष्ट्र की सामूहिक प्रगति और भविष्य के अवसरों पर प्रकाश डाला?

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क्या राष्ट्रपति ने राष्ट्र की सामूहिक प्रगति और भविष्य के अवसरों पर प्रकाश डाला?

सारांश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संदेश दिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद और हमारी सेना की शक्तियों का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया दी, जो राष्ट्र की एकता और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित थी। जानिए इस संबोधन के महत्वपूर्ण पहलुओं को।

Key Takeaways

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन राष्ट्र की सामूहिक प्रगति पर केंद्रित है।
  • उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प की बात की।
  • प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया में राष्ट्र निर्माण का आह्वान किया गया।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया।
  • राष्ट्र की एकता ही हमारी ताकत है।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने एक प्रेरणादायक संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने हमारे राष्ट्र की सामूहिक प्रगति और भविष्य के अवसरों का उल्लेख किया। उन्होंने हमें उन बलिदानों की याद दिलाई, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया और प्रत्येक नागरिक से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की अपील की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष हमें आतंकवाद का सामना करना पड़ा। कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्या एक कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य था। भारत ने इस पर दृढ़ संकल्प के साथ निर्णायक तरीके से प्रतिक्रिया दी। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने यह साबित किया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न आता है, तब हमारे सशस्त्र बल हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हैं।

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता का परिचय दिया। मेरा विश्वास है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक उदाहरण बनेगा। हमारी एकता ही हमारी जवाबी कार्रवाई की सबसे बड़ी ताकत थी। यही एकता उन सभी तत्वों को एक सशक्त जवाब है जो हमें विभाजित देखना चाहते हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट करने के लिए विभिन्न देशों में गए संसद सदस्यों के बहुदलीय प्रतिनिधि मंडलों में भी हमारी यही एकता प्रदर्शित हुई। विश्व समुदाय ने भारत की इस नीति को स्वीकार किया है कि हम आक्रमणकारी नहीं बनेंगे, लेकिन अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करने में हम संकोच नहीं करेंगे। 'ऑपरेशन सिंदूर' आत्मनिर्भर भारत मिशन की परीक्षा का भी अवसर था। अब यह स्पष्ट हो गया है कि हम सही दिशा में हैं। हमारा स्वदेशी विनिर्माण अब उस स्तर पर पहुँच गया है, जहाँ हम अपनी कई सुरक्षा आवश्यकताओं में आत्मनिर्भर हो गए हैं। ये उपलब्धियां स्वतंत्र भारत के रक्षा इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत करती हैं।

Point of View

वे हमें यह समझाते हैं कि राष्ट्र निर्माण में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। यह समय है जब हम मिलकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों और अपने देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रपति का संबोधन किस विषय पर था?
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राष्ट्र की सामूहिक प्रगति, आतंकवाद, और 'ऑपरेशन सिंदूर' का संदर्भ दिया।
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के संबोधन पर क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का संबोधन प्रेरणादायक था और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सभी से योगदान देने की अपील की।
'ऑपरेशन सिंदूर' का क्या महत्व है?
'ऑपरेशन सिंदूर' ने भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आतंकवाद के खिलाफ एक मिसाल पेश की।