क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष को 6 साल के लिए निष्कासित किया?
सारांश
Key Takeaways
- राजकुमार यादव को अनुशासनहीनता के कारण 6 साल के लिए निष्कासित किया गया।
- इस कार्रवाई में जांच समिति की सिफारिश महत्वपूर्ण थी।
- पार्टी की छवि को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ओडिशा प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार यादव को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह कार्रवाई एनसीपी की जांच में उन्हें दोषी पाए जाने पर की गई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक अनुशासन को बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सचिव सच्चिदानंद सिंह ने राजकुमार यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय अजीत सिंह और जितेंद्र सिंह सहित तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और अनुशासनहीनता के निष्कर्षों के आधार पर लिया गया है।
जांच के दौरान यह पाया गया कि राजकुमार यादव ने बिहार प्रदेश राकांपा कार्यालय में वरिष्ठ ओबीसी राष्ट्रवादी नेता छगन भुजबल की तस्वीर लगाने को लेकर अनावश्यक विवाद खड़ा किया, जिसके कारण प्रदेश संगठन में तनाव उत्पन्न हुआ।
घटना की जानकारी मिलने पर उन्हें केंद्रीय पर्यवेक्षक के पद से हटा दिया गया और बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित किसी भी कार्यक्रम में भाग न लेने के निर्देश दिए गए। इन निर्देशों की अवहेलना करते हुए उन्होंने चुनाव कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे पार्टी अनुशासन का उल्लंघन हुआ और पार्टी के प्रत्याशियों में असंतोष फैल गया।
मामला सार्वजनिक होने के बाद भी राजकुमार यादव ने कोई खेद व्यक्त नहीं किया, जबकि छगन भुजबल अस्वस्थता के कारण अस्पताल में भर्ती थे। यह दर्शाता है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया, जो अनुशासन के विरुद्ध है।
इसके अतिरिक्त, राजकुमार यादव की निरंतर अनुशासनहीनता के कारण यह विवाद मीडिया में फैल गया, जिससे पार्टी की छवि और संगठनात्मक एकता को नुकसान हुआ। यह सभी मामले गंभीर हैं, इसलिए जांच समिति की अनुशंसा पर यह आदेश जारी किया गया है।
राजकुमार यादव को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया है और उन्हें सभी पदों और दायित्वों से तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दिया गया है।