क्या भूनमनासन से रीढ़ से पेट तक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- भूनमनासन से रीढ़ और पेट को मजबूती मिलती है।
- यह कमर दर्द और स्लिप डिस्क में राहत दिलाता है।
- पेट की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है।
- रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है।
- प्रतिदिन 1 से 2 मिनट के अभ्यास से अच्छा परिणाम मिलता है।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑफिस में घंटों एक ही पोज में बैठे रहने के कारण यदि आप कमर दर्द का सामना कर रहे हैं या गलत जीवनशैली की वजह से स्वास्थ्य गिर रहा है, तो यह आपके शरीर के अंगों को कमजोर कर सकता है। ऐसे में भूनमनासन रीढ़ से लेकर पेट तक को मजबूती प्रदान करता है।
भूनमनासन एक अत्यंत प्रभावी आसन है, जिसके नियमित अभ्यास से अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा ने भी इस आसन को शरीर के लिए बहुत लाभकारी बताया है। इसके निरंतर अभ्यास से शरीर के अंगों में ताकत और लचीलापन आता है, जिससे संपूर्ण शरीर स्वस्थ और सक्रिय रहता है।
योग विशेषज्ञों का कहना है कि भूनमनासन (जिसे अर्ध शलभासन भी कहा जाता है) विशेष रूप से कमर, पीठ और पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। इस आसन में पेट के बल लेटकर एक पैर को ऊपर उठाया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी मजबूत और लचीली होती है, और कमर दर्द और स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। इस आसन से कूल्हों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और हिप जॉइंट से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। यह पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।
इसके अलावा, भूनमनासन पैरों, कंधों और हाथों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। यह पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है, जिससे थकान दूर होती है और शरीर की ऊर्जा बढ़ती है।
यह आसन विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो घंटों कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं। प्रतिदिन 1 से 2 मिनट तक दोनों पैरों को बारी-बारी से उठाने का अभ्यास करें और आपको स्पष्ट फर्क दिखाई देगा।
यह एक आसान और सुरक्षित आसन है। सुबह खाली पेट या शाम को हल्के पेट इस आसन का अभ्यास करना सबसे अच्छा रहता है। हालांकि, यदि आपकी कमर में चोट है या कोई गंभीर समस्या है, तो पहले योग प्रशिक्षक या डॉक्टर से सलाह लेना अनिवार्य है।