क्या राष्ट्रीय एसटी आयोग ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआई जांच की सिफारिश की?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई जांच की सिफारिश से न्याय की दिशा में कदम बढ़ा है।
- आयोग ने पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की है।
- सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश सूर्या के परिवार को दिया गया है।
- सभी सबूतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
- आयोग ने अधिकारियों के तत्काल तबादले की सिफारिश की है।
रांची, १६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गोड्डा जिले के आदिवासी नेता सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत को संदिग्ध मानते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। आयोग की जांच टीम ने हाल ही में गोड्डा में घटनास्थल का दौरा किया और संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किए। आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट भारत सरकार के गृह सचिव एवं राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भेज दी है।
मंगलवार को भाजपा के राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि आयोग ने गोड्डा में सूर्या हांसदा की मुठभेड़ की सीबीआई जांच की सिफारिश की है। दीपक प्रकाश ने आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में दखल देने की मांग की थी, जिसके बाद आयोग की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया था।
राष्ट्रीय एसटी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सूर्या हांसदा को ९ अगस्त को गिरफ्तार दिखाया गया, लेकिन उन्हें २४ घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया और किसी न्यायाधीश के सामने पेश नहीं किया गया, जो कि कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। इसके अलावा, रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि सूर्या को गोली मारने से पहले उन पर अत्याचार किए गए। आयोग ने सिफारिश की है कि मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों का तत्काल तबादला किया जाए, सूर्या के परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए और मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।
आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि सूर्या हांसदा के परिवार को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए और मामले से जुड़े सभी सबूतों को सुरक्षित रखा जाए ताकि उनमें कोई छेड़छाड़ न हो। साथ ही, ललमटिया, बोआरीजोर और महगमामा थानों के प्रभारियों और इस मामले की जांच में शामिल सभी अधिकारियों को तुरंत हटाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, आयोग ने गोड्डा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक की भूमिका की भी जांच करने को कहा है।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि आवश्यक हो तो गोड्डा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक का तबादला किया जाए ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें और जांच एजेंसी को पूरा सहयोग मिल सके। आयोग ने राज्य सरकार से कहा है कि पूरी जांच पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि गोड्डा जिले की पुलिस ने ११ अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र के धमनी पहाड़ के पास सूर्या हांसदा को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था। पुलिस के अनुसार, सूर्या के खिलाफ २० से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे और वह कई गंभीर अपराधों में फरार था। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसके पास से हथियार बरामद किए थे।
एसपी मुकेश कुमार के अनुसार, सूर्या की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे हथियार बरामद करने ले जा रही थी, तभी उसके गैंग के सदस्यों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की। इस दौरान सूर्या ने पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया।