क्या रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ बीबीएमबी ने कार्रवाई की है, 17 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस क्यों जारी हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- बीबीएमबी ने रवनीत सिंह बिट्टू को 17 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
- कांग्रेस के पूर्व सांसद ने सरकारी आवास नहीं खाली किया।
- बोर्ड की कार्रवाई नियमों के अनुसार की गई है।
- राजनीतिक दृष्टिकोण से मामला महत्वपूर्ण है।
- बिट्टू भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
चंडीगढ़, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बीबीएमबी ने सरकारी आवास न छोड़ने के लिए रवनीत सिंह बिट्टू को 17 लाख रुपये से अधिक का रिकवरी नोटिस जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, नंगल में रवनीत सिंह बिट्टू के नाम पर आवंटित किए गए दो मकानों के लिए बोर्ड ने पेनल्टी जमा करने की मांग की है। ये आवास तब आवंटित किए गए थे जब बिट्टू 2009 से 2014 तक कांग्रेस के सांसद थे। उस समय उन्हें मकान नंबर 45-1 और 48-1 आवंटित किए गए थे। हालांकि, इन्हें बाद में छोड़ना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इनमें से एक मकान अब भी कांग्रेस पार्टी के दफ्तर के रूप में उपयोग किया जा रहा है। बोर्ड ने कई बार नोटिस भेजकर मकान खाली करने के लिए कहा, लेकिन बिट्टू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बिना अनुमति के कब्जा बनाए रखने के कारण बीबीएमबी ने पेनल्टी रेट लगाना शुरू कर दिया, और अब 17 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है।
इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब यह सामने आया कि नंगल में मौजूद कांग्रेस ऑफिस अब भी बिट्टू के नाम पर रजिस्टर्ड है।
बीबीएमबी का कहना है कि सभी के लिए नियम समान हैं। यदि कोई व्यक्ति आवास आवंटित होने के बाद समय पर उसे खाली नहीं करता या किराया नहीं देता, तो बोर्ड को पेनल्टी लगाने और रिकवरी नोटिस जारी करने का अधिकार है। बिट्टू के खिलाफ भी यही कार्रवाई की गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि बिट्टू अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं और केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इस कारण से मामले ने और तूल पकड़ लिया है। हालांकि, इस पर अभी तक मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।