क्या रेवंत रेड्डी की बातों से कांग्रेस की आपातकाल मानसिकता उजागर होती है?

सारांश
Key Takeaways
- रेवंत रेड्डी ने इंदिरा गांधी की महानता को समझाने के लिए हिंसा की बात की।
- शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस की आपातकाल मानसिकता को उजागर किया।
- यह विवाद कांग्रेस की छवि को प्रभावित कर सकता है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के एक बयान के आधार पर उन पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेस ‘मोहब्बत की दुकान’ नहीं है, बल्कि ‘आपातकाल’ की मानसिकता वाली पार्टी है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "रेवंत रेड्डी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस ‘मोहब्बत की दुकान’ नहीं, बल्कि ‘आपातकाल’ की मानसिकता वाली पार्टी है। 50 साल बाद भी रेवंत रेड्डी का यह रवैया दिखाता है कि वह इंदिरा गांधी के सच्चे समर्थक हैं। उन्होंने ‘जय संविधान’ रैली में धमकी दी कि जो लोग इंदिरा गांधी को नहीं समझते, उन्हें वे बुरी तरह से पीटेंगे। 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने भी हमारे लोकतंत्र के साथ ऐसा ही करने का प्रयास किया था। आज भी कांग्रेस में वही आपातकाल की मानसिकता मौजूद है।"
उन्होंने आगे कहा, "चाहे वह तेलंगाना हो, कर्नाटक हो या हिमाचल प्रदेश, जहां मंत्री भी अधिकारियों को पीटते हैं और यह कांग्रेस पार्टी की आपातकाल वाली मानसिकता को दर्शाता है। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि सच्चाई को दबाया जाए और लोगों को डराया जाए। तेलंगाना में कथित तौर पर 40 लोगों की हत्या राज्य प्रायोजित तरीके से हुई है। वहां जवाबदेही के बजाय, पत्रकारों को धमकाया जा रहा है, जैसा कि रेवंत रेड्डी पहले भी कर चुके हैं। उन्होंने जंगल की जमीन के लिए प्रदर्शन करने वाले लोगों को भी धमकाया है। यह दिखाता है कि कांग्रेस की आपातकाल वाली मानसिकता आज भी पूरी तरह जीवित है।"
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा था, "इंदिरा गांधी द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी और विकास योजनाएं गरीबों के जीवन को रोशन कर रही हैं और यही कारण है कि हम अपनी कल्याणकारी योजनाओं का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रख रहे हैं। हैदराबाद में गरीबों को 5 रुपए में भोजन और नाश्ता उपलब्ध कराने के लिए हमने कैंटीन का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है। इन मूर्ख लोगों ने इंदिरा गांधी के नाम पर कैंटीन का नाम रखे जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। जब तक उन्हें बुरी तरह से पीटा नहीं जाएगा, तब तक वे इंदिरा गांधी की महानता को नहीं समझ पाएंगे।"