क्या मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा का बचाव करना शर्मनाक है?

सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम ने रॉबर्ट वाड्रा के मामले में कांग्रेस को निशाना बनाया।
- कांग्रेस को इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
- अगर कोई व्यक्ति दोषी है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए।
- मालेगांव ब्लास्ट मामले में कई आरोपियों को बरी किया गया।
- शिक्षा में राजनीति का प्रवेश न हो, यह आवश्यक है।
मुंबई, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में रॉबर्ट वाड्रा को राऊज एवेन्यू कोर्ट द्वारा जारी नोटिस पर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इसे एक राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।
संजय निरुपम ने कहा कि सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगियों ने कांग्रेस के शासनकाल में जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराध किए हैं। ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है, जिसके बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का रॉबर्ट वाड्रा का बचाव करना शर्मनाक है। कांग्रेस को इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया गया, चाहे वह किसी भी संबंध में हो, उसे सजा मिलनी चाहिए।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में कई बड़े हिंदू नेताओं को साजिश के तहत फंसाने की कोशिश पर निरुपम ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने पुलिस पर दबाव डाला ताकि संघ और हिंदुत्व से जुड़े नेताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने सरकार के दबाव में आकर गलत कदम नहीं उठाए। एनआईए कोर्ट का फैसला स्पष्ट करता है कि भगवाधारी आतंकवादी नहीं हो सकते और हिंदू धर्म आतंक नहीं सिखाता। 17 वर्षों तक चले इस फर्जी केस में सभी आरोपी बरी हो गए, जिससे कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बेनकाब हो गई।
अब कांग्रेस पार्टी बेनकाब हो चुकी है और जनता उसे पहचान चुकी है। इसी कारण देश का हिंदू, कांग्रेस को एंटी-हिंदू पार्टी मानता है और लगातार तीन लोकसभा चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा है।
उत्तर प्रदेश सरकार की स्कूल मर्जर नीति का विरोध करने के लिए समाजवादी पार्टी द्वारा पीडीए पाठशाला चलाने पर संजय निरुपम ने कहा कि देश में स्कूल-कॉलेज सरकारी और निजी क्षेत्र द्वारा चलाए जाते हैं, लेकिन बच्चों को शिक्षा देते समय राजनीति नहीं आनी चाहिए। यदि समाजवादी पार्टी से जुड़े कुछ स्कूलों में "A for अखिलेश" और "D for डिंपल" सिखाया जा रहा है, तो यह गंभीर राजनीतिक गतिविधि है। सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को राजनीति से दूर रखा जाए और उन्हें निष्पक्ष व मूल्य आधारित शिक्षा दी जाए।
राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगातार हमले को लेकर निरुपम ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य एक पवित्र प्रक्रिया है, जिसमें फर्जी मतदाताओं को हटाया जा रहा है। इस पर राहुल गांधी का विरोध करना आपत्तिजनक है। उन्होंने चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था को धमकी दी, जो गलत संदेश देता है। संविधान की बात करने वाले राहुल गांधी को इसकी मर्यादा भी समझनी चाहिए। यदि कांग्रेस को लगता है कि उनके मतदाता सूची से हटाए गए हैं, तो एक महीने का समय है उन्हें पुनः शामिल कराने का। लेकिन धमकी देना या दोहरा रवैया अपनाना स्वीकार्य नहीं है।