क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने रोहन बोपन्ना को उनके टेनिस करियर के लिए बधाई दी?
सारांश
Key Takeaways
- रोहन बोपन्ना का करियर 20 वर्षों से अधिक का रहा।
- उपराष्ट्रपति ने उन्हें बधाई दी है।
- बोपन्ना ने दो ग्रैंड स्लैम खिताब जीते।
- उन्होंने भारत का डेविस कप और ओलंपिक में प्रतिनिधित्व किया।
- बोपन्ना का जन्म स्थान कुर्ग है।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय टेनिस के उभरते सितारे रोहन बोपन्ना ने शनिवार को अपने दो दशकों से अधिक के टेनिस करियर को समाप्त करने की घोषणा की। देश के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने बोपन्ना को उनकी उत्कृष्ट यात्रा के लिए बधाई देते हुए कहा कि उनका खेल भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
उपराष्ट्रपति कार्यालय के आधिकारिक 'एक्स' हैंडल पर साझा पोस्ट में सी. पी. राधाकृष्णन ने लिखा, "रोहन बोपन्ना को हार्दिक बधाई, जिन्होंने 20 वर्षों से अधिक के शानदार करियर के बाद पेशेवर टेनिस से संन्यास की घोषणा की। बोपन्ना ने दो ग्रैंड स्लैम खिताबों, पुरुष युगल और मिश्रित युगल, और चार ग्रैंड स्लैम फाइनल में, दोनों वर्गों में दो-दो बार, के साथ अपने शानदार सफर का समापन किया। उन्होंने सबसे उम्रदराज पुरुष ग्रैंड स्लैम विजेता और पुरुष युगल में सबसे उम्रदराज विश्व नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में इतिहास रचा, और अपनी लगन और उत्कृष्टता से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके सफर के अगले अध्याय के लिए उन्हें शुभकामनाएं।"
रोहन बोपन्ना ने एक्स पर पोस्ट करते हुए अपने संन्यास का ऐलान किया। उन्होंने लिखा, "आप किसी ऐसी चीज को कैसे अलविदा कहेंगे जिसने आपके जीवन को एक अर्थ दिया? लेकिन 20 अच्छे सालों के बाद समय आ गया है। यह लिखते हुए, मेरा दिल भारी और आभारी दोनों महसूस कर रहा है। भारत के एक छोटे से शहर कुर्ग से अपना सफर शुरू करना, अपनी सर्विस मजबूत करने के लिए लकड़ी के टुकड़े काटना, सहनशक्ति बढ़ाने के लिए कॉफी बागानों में दौड़ना और टूटे हुए कोर्ट पर सपनों का पीछा करना यह सब अवास्तविक लगता है। टेनिस मेरे लिए सिर्फ खेल नहीं रहा है। इसने मुझे विश्वास दिया जब दुनिया ने मुझ पर शक किया।"
बोपन्ना ने अपने माता-पिता, बहन रश्मी, पत्नी सुप्रिया, कोच, पार्टनर, ट्रेनर, फिजियो, अपनी टीम और दोस्तों का अपने करियर में योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
बोपन्ना ने 2024 में डबल्स में ऑस्ट्रेलियन ओपन और 2017 में मिक्स्ड डबल्स का फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। उन्होंने डेविस कप मुकाबलों और ओलंपिक खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। रोहन बोपन्ना आखिरी बार पेरिस मास्टर्स 1000 में खेले थे, जहां उन्होंने एलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ मिलकर खेला था। 45 साल के बोपन्ना ने 43 साल की उम्र में विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल की थी।