क्या सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहा है? भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह का बयान
सारांश
Key Takeaways
- सिंध का सांस्कृतिक संबंध भारत से है।
- कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर आंतरिक संघर्ष चल रहा है।
- राजनाथ सिंह का बयान भारत की एकता को दर्शाता है।
- बीएलओ की मौतों पर ममता बनर्जी सरकार का दबाव है।
- राजनीतिक परिदृश्य में इंडी अलायंस की स्थिति कमजोर हो रही है।
नई दिल्ली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता आरपी सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के 'सिंध' संबंधी बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सिंध हमेशा भारत का हिस्सा रहा है।
आरपी सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "सांस्कृतिक और सभ्यता के दृष्टिकोण से सिंध भारत से गहरा जुड़ा हुआ है। राजनाथ सिंह ने सही कहा है कि आज के समय में सिंध अलग हो सकता है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से वह भारत का अभिन्न हिस्सा है।"
उन्होंने आगे कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के कार्यकाल में संसद में एक विधेयक पारित किया गया था, जिसमें पीओके को भारत का एक अविभाज्य अंग बताया गया। प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इसे दोहराया है। भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।"
कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर मचे घमासान पर आरपी सिंह ने कहा, "कांग्रेस के कई नेता दिल्ली में बैठे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे कह रहे हैं कि पार्टी हाईकमान तय करेगा। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष का कोई महत्व नहीं है और राहुल गांधी-सोनिया गांधी ही सब कुछ नियंत्रित करते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की आंतरिक कलह के कारण कर्नाटक में समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं। राज्य की कानून व्यवस्था, सड़कों की स्थिति खराब है और कांग्रेस के नेताओं में सत्ता के लिए खींचतान जारी है।
आरपी सिंह ने कहा, "इंडी अलायंस के घटक दल समझ चुके हैं कि कांग्रेस उनके लिए गले में घंटी की तरह है, जिसके कारण उन्हें नुकसान होता है।"
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दरवाजा दिखा दिया है। इसी तरह पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता कह रहे हैं कि ममता बनर्जी ही सही नेता हैं, जो इंडी अलायंस का नेतृत्व कर सकती हैं। महाराष्ट्र में अलायंस के घटक दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अब उत्तर प्रदेश में सपा नेता कह रहे हैं कि राहुल गांधी इंडी अलायंस का नेतृत्व नहीं कर सकते।"
एसआईआर के दौरान बीएलओ की मौतों पर उन्होंने कहा, "राज्य सरकारें, विशेषकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार बीएलओ पर फर्जी मतदाताओं को जोड़ने का दबाव बना रही हैं।" आरपी सिंह ने कहा कि एसआईआर पर सवाल उठाना उचित नहीं है। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है और एक संवैधानिक संस्था इसे नेतृत्व कर रही है।